
अधुरी रात : मन में ख्वाइश लिए जब दुल्हन आती है ।
एक दुल्हन लाल साड़ी पहनकर अपने दोनो हाथो मे मेंहदी लगाकर , सोलहो सिंगार कर के, अपने मन मे बहुत सारा अरमान सजाकर अपने पती के साथ डोली मे बैठ कर ससुराल आती है। इसकी शादी एक इंजीनियर से हुई थी जो कि दिली मे एक कंस्ट्रक्शन कंपनी मे चीफ इंजीनियर था ।

दुल्हन इस शादी से बहुत खुस थी उसके मन मे यही चल रहा था कि अपने पती के साथ आज हमीरे जिवन का पहला रात है । ये बहुत सोच रही थी कि इस रात को कैसे एक सुहाना पल और यादगार बनाए। यही सभ सोच सोच कर उसके मन मे खुशी और उमंग कि एक लहर दौड़ रही थी।
दुल्हन आती है तो घर में एक अलग ही उमंग रहती है ।
उधर दुल्हे के घर बहुत सारा मेहमान आए हुवे थे। घरवाले मेहमान की खातीरदारी मे लगे थे और सारा घर अस्त व्यस्त था। घर की औरते भी अपनी अपनी काम मे लगी हुई थी। लेकिन दुल्हन अपने रुम मे बैठे सिर्फ होनेवाली इस रात के बारे मे ही सोच रही थी अपने मन मे ही सपना सजा रही थी।
उधर दुल्हे के मन मे भी यही बात चल रही थी कि कब ये दिन बीते और जल्द ही ये रात आए । इधर दुल्हा भी बेचैन था और उधर दुल्हन भी बेचैन बैठी थी। दुल्हन के मन मे कभी अपने मायके की याद आ रही थी तो कभी आने वाले उस रात कि तभी बीच-बीच मे घर कि कुछ औरत और कुछ लङकिया आकर दुल्हन के साथ हसी मजाक करने लगती है फिर इसे खाना खिलाती है दुल्हन खाना खाकर बैठकर सोच-सोच कर दिन गुजारने लगती है मानो ये दिन कीतना पहाङ जैसा लगता
हो। तभी देखते-देखते वो रात आ जाती है ।
दल्हन को सुहाग रात इसके मन की ख्वाइश होती है
आखिर वो रात आही गई जिसका ये दोनो बेसब्री से इंतजार कर रहे था। दुल्हा अपने दुल्हन के रुम मे जाने वाला ही था तभी दिली से अचानक अरजेन्टली फोन आ जाती
है की तुम्हे किसी भी हाल मे आज के आज गाङी पकङ कर वापस आना है क्यो की कंट्रक्सन का काम मे कुछ फाइल अधुरा रह गयी है । इसको अरजेंट पुरा करना है ।
बेचारा दुल्हा अपने बोस की बातो को काट नही सकता । और उसी समय जाने की तैयारी मे लग जाता है घरवाले भी इसे नही रोक सकते क्यो की नौकरी का सवाल था इसलिए वो भी इसका समान पैक करने मे हाथ बटा रहे थे।
उधर दुल्हन अपने सेज पर बैठ कर अपने दुल्हे को आने का इंतजार कर रही थी । वो पलंग से उठ कर कभी दरवाजे के पास जाती तो कभी पलंग के पास । इसी तरह से बेचैनी भरी अपने पती के आने की इंतजार मे सारी रात बित जाती है । बेचारी दुल्हन के सारे अरमान पर पानी फिर जाती है इसके सारे सपने टूट जाती है जो कि इसने कइ दिनो से अपने मन में सजाए बैठी थी । इसकी सुहाग रात अधूरी ही रह जाती है ।