बोलती गुङीयी : एक अजूबा चीज हो रहा था

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बोलती गुङीयी : एक अजूबा चीज हो रहा था

गांव मे दशहरा का मेला लगा था सारे बच्चो के मन मे एक उमंग की लहर उठ गई थी की हम भी अपने पापा के साथ जायेंगे और चौमीन चाट खायेंगे । उस मेले मे ढेर सारे दुकान लगी । किसीम किसीम  की लाईट बती जल रही थी ।वहा पर कई सारे झुले भी लगे थे और खिलौने की तो बात ही मत पूछो , जगह जगह पर खिलौने की कई सारे दुकान लगी थी ।

सभी बच्चे अपने अपने गार्जियन के साथ मेला घुमने जा रहे थे । उसी गांव मे एक रामु नाम का लङका था इसके मुहल्ले के कोई भी बच्चा इसको अपने साथ नही खेलने देता था । रामु अकेला ही रहता था और अकेला रहने की वजह से वो बोर हो जाता था । सारे बच्चो को मेला घुमने जाता देख ये भी अपने पापा से जाने की जिद करने लगा और इसके पापा ले जाने के लीए  मान गए।

मन मे किस तरह की उमंग चल रही थी

पापा मेला मे लेजाने के लीए मान गए ये सोचार रामु बहुत खुस था । जल्दी से नहा धोकर नया कपङा पहन लीया और अपने पापा के साथ चला गया । मेला मे जाते ही पहले झुले पर चढने को कहा इसके पापा माना कर रहे थे लेकिन ये जीद करने लगा । इसकी जीद की वजह से इसके पापा मान गए।  फिर ये झुले पर जाके खुब मस्ती किया ।

बहुत देर झुला झुलने के बाद अब इसे बहुत तेज भुख लगी फिर ये जलेबी और चाट खाया । वहा पर कई सारे खिलौने की दुकान थी । उस मे कई सारे खेलने के लीए गुडा गुङीया गाङी और बांसुरी गेन्दा सभ बिक रहे थे । रामू  भी अपने पापा से खिलौना लेने की जीद की फिर इसके पापा इसको अपने साथ खिलौने के दुकान पर लेगए । रामु कई सारे खिलौना देखकर सोच मे पङ गया की इतने सारे खिलौने है इसमे कौन सा लु और कौन सा नही लू ।

खिलौने से इसको कैसी खुशी मिली

रामु की नजर उस बोलती हुई गुङीया पर पङी । उसमे गाना बजाने पर नाच भी रही थी और बोल भी रही थी । रामू देखकर बहुत खुश हुआ और वही गुङीया खरीदने को कहा और एक बासुरी एक गाङी इसके पापा सभ खरीद दिए । रामू ये सभ लेकर बहुत खुश हुआ। घर आकर अब इसी खिलौने के साथ खेलने मे लग गया अब इसे मुहल्ले के किसी लङके की जरूरत नही थी ।

सारे लङके अब देख कर चकित थे की रामु के पास बोलने वाली गुङीया है । अब उस बोलती गुङीया की वजह से सारे लङके अब बिना बोलाए इसके घर आते थे और इसके साथ खेलने के लीए लगे रहते थे । अब तो रामु को किसी के पास जाने की जरुरत भी नही पङती थी वे सभ अपने आप ही आया करते थे और साथ मे खेलने की वजह से जल्दी जाया भी नही करते थे ।

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