भक्त और भगवान : दुनिया में भगवान के भक्त बहुत है

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भक्त और भगवान : दुनिया में भगवान के भक्त बहुत है

गांव से बाहर एक शंकर भगवान का मंदिर था उस मंदिर में एक पुजारी पूजा करने के लिए रहते थे । उसी गांव में एक एक किसान था जिसका मंदिर के पास ही खेती किया करता था वो हर रोज अपने खेत में कम करने के लिए जाता था लेकिन मंदिर के अंदर कभी नहीं जाता था बस सीधा अपनी खेत में जाकर खेत में कम करता था । वो किसान बहुत ही सीधा साधा और भोला भला इंसान था वो पढ़ा लिखा भी नहीं जनता था ।
नहीं इसके मन में कोई मैल थी । ये सिर्फ कम करना जनता था और उसी से अपने परिवार का भरण पोषण करता था । लेकिन उस मंदिर के पुजारी इसे मंदिर में कभी भी नहीं आता देख बहुत सोच में पड़े थे कि आखिर ये किसान रोज यही पर खेती करता है लेकिन कभी भी मंदिर के अंदर क्यों नहीं आता है

किसी को अनाड़ी देख कर लोग उसे ठगना ही चाहते है

<span;>एक दिन पुजारी उस किसान से पूछा कि तुम मंदिर के अंदर क्यों नहीं आते हो क्या भगवान से तुम्हे नफरत है ।तब किसान ने उस पुजारी से कहा । पंडी जी हम मंदिर में आकर क्या करेंगे हम तो अनपढ़ अग्यानी है हमें थोड़ा भी पूजा का जान नहीं है । आप तो ज्ञानि है अगर आप बता देंगे तो हमें भी पूजा की जानकारी हो जाएगी ।

हम भी श्रद्धा भाव से भगवान की पूजा पाठ करने लगेंगे
तभी पंडी जी के मन में लालच आया और उस किसान से कहे कि अगर रोज अपने घर से दो किलो अनाज भगवान के नाम पर चढ़ाओगे और उसमें से दो चुटकी भगवान का मंत्र पढ़ कर तुम्हे दूंगा और तुम उसे भगवान का प्रसाद समझ कर खा लोगे तो भगवान तुम पर प्रसन्न हो जाएंगे और सपने में भगवान तुम्हे एक दिन दर्शन भी देंगे ।

अनाड़ी भक्त पर भगवान कैसे खुश हते है

किसान रोज अब रोज अपने घर से दो किलो अनाज लेकर मंदिर में पंडी जी के पास जाने लगा और उसमें से दो चुटकी पंडित जी के हाथ से दिया हुआ अनाज भगवान का प्रसाद समझ कर खाने लगा ताकि भगवान इसके सपने में दर्शन देंगे । पंडित जी इसे मूर्ख बनाकर रोज दो किलो अनाज लेते थे ।

लेकिन किसान भगवान के दर्शन के आस में रोज ऐसा करने लगा । इसी तरह करते करते दो साल बीत गए लेकिन भगवान इसे दर्शन नहीं दिए । एक दिन किसान पंडी जी से पूछा तो पंडी जी बोले तुम भगवान के आने की चिंता मत करो ऐसा करते रहो जिस दिन भगवान खुश हो जाएंगे उस दिन तुम्हे दर्शन जरूर देंगे किसान चुप हो गया फिर रोज ऐसा करने लगा ।
एक दिन किसान के घर भी अनाज खत्म हो गया था तब उसने दूसरे से उधर लेकर भगवान के नाम पर पड़ी जी को दिया । उसे ऐसा करते देख भागवन उस पर खुश हो गए थे और उसे उसी समय दर्शन दिए भगवान को देख किसान बहुत खुश हुआ और खुस होकर पंडी जी से बोला मगर पंडी जी को भगवान नहीं दिखाई दिए । भगवान ने खुश होकर उसके टूटे हुए घर को महल बनवा दिया और उसके घर में अन धन सभ भर दिए । इसीलिए कहा गया है कि भगवान को ज्ञानि नहीं सच्चा भाव पसंद है ।

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