
दुबारा मिलन : कभी कभी आंखों का देखा दिल में उतर जाता है ।
एक दिन की बात है कि एक लड़का मार्केट के एक दुकान पर राशन का समान लेने के लिए खड़ा था । दुकान पर बहुत भीड़ थी इस लिए दुकानदार को अभी समान देने में काफी देर था । इस लिए वो वही पर खड़ा था । तभी उसकी नजर सामने बस स्टैंड पर पड़ी और देखा तो देखते ही रह गया ।

लड़का देखा कि एक गोरी सुंदर लड़की अपने माता पिता के साथ खड़ी थी । वो लाल ड्रेस में और भी जच रही थी । उसके बिखरे हुए घुंघराले बाल उसके चेहरे की और भी रौनक बढ़ा रही थी । जब वो देखा तो उसके चेहरे पर हल्का मुस्कान था और ये देख कर वो लड़का देखता ही रह गया ।
पल भर की खुशी कभी मन को उदासी भी देती है ।
लड़के का नजर उसपर से हट ही नहीं रही था और वो दुकान से उठ कर उसके नजदीक जाने के लिए सोच ही रहा था कि अचानक एक सवारी गाड़ी वहां आ गई । फिर इसे वहां पहुंचते ही वो गाड़ी खुल गई और फिर वहां देखा तो वो लड़की वहां पर नहीं थी । शायद वो उसी गाड़ीमे चली गई थी ।
फिर ये वापस दुकान पर आया और अपना समान लेकर घर चला गया । घर आने के बाद इसके आंखों के सामने सिर्फ उस लड़की का ही चेहरा नजर आ रहा था । शायद इसे उस लड़की से प्यार हो गया हो । लेकिन इसका सपना सजने से पहले ही टूट कर बिखर गया था । क्यों कि वो पल भर के लिए दिखाई दी और चली भी गई । उसका तो नाम पता भी मालूम नहीं था ।
शायद नसीब को मिलना लिखा था
ऐसे ही उसकी याद में कई महीना बीत गया । फिर जब छठ का तेवहार आया तो इसके घर भी छठ हो रहा था । सभी लोग घाट पर गए थे । घर के सभी लोग घाट के पास बैठे थे और हम घाट से हट कर खड़ा था । तभी अचानक उसी लड़की पर नजर पड़ी जिसको ये उस दिन बस स्टैंड के पास देखा था । पहले तो इसे बिस्वास ही नहीं हो रहा था कि ये यह इस घाट पर क्या कर रही है । फिर उसी के पास एक छोटा लड़का बैठा था और जब वो लड़का इधर आया तो उस लड़की के बारे में पूछा तो पता च कि वो यहां रिलेशन में आई है ।
फिर ये उसी को देख रहा था तभी अचानक उसकी भी नजर इसके ऊपर पड़ी और वो इसे देख कर मुस्करा दी शायद उसको पता था कि लड़का उसे चाहत के नजर से देख रहा । फिर छठ के अगले दिन जब वो घाट पर आई तो लड़का अपना नंबर उसे दे दिया । वो हंसकर नंबर लेकर चली गई । फिर वो लड़के को बाद में फोन की और अब हर रोज उससे बात होता है । शायद छठ माता को उसे मिलना मंजूर था ।