भूतिया पेड़ : गांव के पास खेल का मैदान तो होता ही है ।

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भूतिया पेड़ : गांव के पास खेल का मैदान तो होता ही है ।

एक गांव में बच्चों के खेलने के लिए खेल का मैदान था । वहां के सारे बचे उसी खेल मैदान में जाकर खेल करते थे
वो खेल मैदान गांव से बाहर लेकिन गांव के बिल्कुल सटा हुआ था । गांव के पास होने के कारण उस खेल मैदान के बगल में आस पास खेत भी था ।

दिन में किसान खेत में कम करते थे लेकिन दम को कोई उधर नहीं रहता था क्यों कि शाम के वक्त उधर सुन सान और डरावना जैसा लगता था । बचे भी रात होने से पहले उस खेल मैदान से अपने घर आ जाया करते थे । ग्राउंड तो बहुत अच्छा था लेकिन रात के वक्त डरावना था ।

कभी कभी कुछ अचानक हो जाता है ।

एक दिन एक रामू नाम का लड़का अपने दोस्तो के साथ उस खेल मैदान में खेलने गया था । ये सब खेलने में इतना व्यस्त हो गए थे कि टाइम का पता ही नहीं चला । बाकी सब बचे अपने घर चले गए थे । बस रामू और इसके कुछ दोस्ती वहां रह गए थे ।

हल्का रात हो गई थी और ये लोग खेल रहे थे । तभी खेलते खेलते अचानक गेंद एक पेड़ के पास चली गई थी । तभी रामू अपना गेंद लेने उस पद के पास गया । पेड़ के पास जाते ही उसे चॉकलेट का टेक पॉकेट दिखाई दिया । रामू वो चॉकलेट का पैकेट देख कर चौक गया कि आखिर यह आया कहा से ।
एक दी बचे लोग को कोई मिल गया था ।

हर भूत खराब नहीं होता है

इधर उधर देखा तो वहां कोई नहीं था और जब कोई नहीं दिखाई दिया तो वो चॉकलेट का पैकेट वही छोड़ कर अपना गेंद लेकर आने लगा । तभी उस पेड़ से आवाज आई , दोस्त ये चॉकलेट तुम लोगो के लिए ही रखा है । रामू आवाज सुन कर चौक गया । आखिरी ये आवाज कहा से आ रही है ।

तभी अचानक पेड़ से वो बहुत बाहर निकल कर लड़का के सामने आगया । बहुत को देख कर रामू और उसके दोस्त डर जाते है । बहुत उन सभ को चॉकलेट देते हुए कहता है कि तुम लोग डरिए मत हम तुमलोगो से दोस्ती करने आए है । हम किसी का कुछ नहीं बिगड़ेंगे हमसे दोस्ती करोगे तो हम रोज तुम लोगो की चॉकलेट और मिठाई देंगे । रामू और उसके दोस्त भूत का बात सुन कर मन जाते है और उससे दोस्ती कर लेते है । बहुत भी अब रोज इन सबको चॉकलेट और मिठाई खिलता था ।

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