
मां बाप का बंटवारा : एक मां अपने बच्चों को कैसे पालती है
एक बहुत गरीब पति पत्नी थे उसके शादी के कई साल बाद दो लड़का हुआ । ये दोनों अपने लड़के से बहुत प्यार करते थे । ये गरीब जरूर थे लेकिन अपने बचे को हर खुशी और हर ऐसों आराम देना चाहते थे । इसलिए दिन रात मेहनत कर के पैसा कमाना चाहते थे ।

ताकि अपने दोनों बचे को अच्छे से अच्छे स्कूल में पढ़ा सके और उसको हर सुख दे सके इसलिए दिनों को ये अच्छे स्कूल में नाम लिखवाया और दोनों को बराबर यार दिया । किसी में भी कोई कमी नहीं की। भले किसी दिन खुद भूखा रह जाते थे लेकिन इन दोनों को कभी भूखा नहीं रखते थे ।
मां बाप की एक ये भी जिम्मेदारी होती है
समय बीतता या दोनों लड़के धीरे धीरे बड़े होते गए और जैसे जैसे बड़े हुए इन दोनों की खर्चा बढ़ती गई लेकिन इसके मा बाप फिर भी कोई कमी नहीं किया और हर जरूरत को पूरा किया । दोनों लड़के धीरे धीरे और बड़े होते गए स्कूल और कॉलेज में पास होकर दोनों की नौकरी भी लग गई दोनों अब कमाने लगे थे ।
समय के अनुसार इसके मा बाप अब बूढ़े हो गए थे । अब तो दोनों लड़के के कमाई से घर चलने लगा ।कुछदिन बाद इसके बड़े बेटे की शादी हुई और घर संभालने के लिए घर में आहू आगे थी । फिर कुछ दिन बाद छोटे बेटे की शादी हुई । अब तो घर में दो दो बहु पाकर मां बाप बहुत खुश थे । अब तो पूरा घर परिवार भरा पूरा लग रहा था
समय फिर कहा ला सकती है
पूरा परिवार हसी खुशी से चल रहा था लेकिन ये खुशी जड़ा दिन तक नहीं चल सका । दोनों बहुएं में आपसे धीरे धीरे झगड़ा चालू होगाई और इसके कारण दोनों भाई में भी झगड़ा शुरू हो गई । मां बाप बहुत समझने की कोशिश किया लेकिन फिर भी कोई नहीं समझ पाता था धीरे धीरे बात अलग और घर की बंटवारे की आ गई लास्ट में गांव के पांच बुलाकर दोनों अलग हुए और घर की बंटवारा की गई ।
घर की बंटवारा तो हो गई दोनों अलग तो हो गए लेकिन बात वह आई कि मा बाप किसके साथ रहेंगे । फिर दोनों ने फैसला लिया कि एक आदमी के साथ मा रहेगी और दूसरे के साथ पिता रहेंगे । घर के साथ मा बाप का बंटवारा देख कर मा बाप रोने लगे और बोले हम ने तुम दोनों को एक साथ पाला पोसा
कभी भेद भाव नहीं किया और जब हमारी बुढ़ापा आई तो हम दोनों को अलग होना पड़ रहा है यही कह कर रोने लगते है फिर पांच के सामने दोनों को को भी अलग होना पड़ा ।