समाज का साथ : समाज में किस तरह सबके साथ मिल जुल कर रहना चाहिए ।

0
7

समाज का साथ : समाज में किस तरह सबके साथ मिल जुल कर रहना चाहिए ।

एक गांव में बहुत बड़ा जमींदार था । उसके पास बहुत जमीन जायजाद और धन दौलत थी । उसके पास किसी चीज की कमी नहीं थी । इसीलिए वो अपने अमीरी के घमंड में वहां अपने गांव में किसी के भी साथ उसका व्यवहार ठीक नहीं था और नहीं किसी से मतलब रखता था।

उस गांव में बहुत सारे लोग गरीब ही थे जो कि मजदूरी कर के अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते थे । ये लोग गरीब जरूर थे लेकिन दिल के बहुत अमीर थे । वे लोग आपस में हमेशा मिल जुल कर रहते थे किसी के भी सुख दुख में एक दूसरे के काम आते रहते थे ।

समाज में नहीं रहने का क्या नुकसान होता है ।

एक बार की बात है वो जमींदार एक दिन कही दूसरे जगह गया हुआ था और उधर से लौटते समय अपने गांव आकर उसका एक गाड़ी से एक्सीडेंट हो गया । जमींदार जमीन पर छटपटाने लगा लेकिन उसे उठाने के लिए कोई भी नहीं पहुंचा । कितना कहने पर सिर्फ दो आदमी उसे उठा कर सिर्फ उसके घर तक सिर्फ पहुंचा दिए ।

उसकी पत्नी किसी तरह अकेला ही उसे अस्पताल लेकर गई । इलाज तो शुरू हुआ लेकिन डाक्टर बोला कि इसके सात और कौन है तब उसकी बीबी बोली कि कोई नहीं है जोभी करना है वो हमें ही करना होगा । तब डाक्टर ने पर्ची दिया उसकी बीबी अकेले ही बाजार से उसे दवाई लाई । उसे साथ देने वाला कोई नहीं था वो जमींदार की बीबी ही अकेले सब कुछ करती रही । मगर उसके व्यवहार से उसेके साथ कोई नहीं था ।

समाज के साथ मिल कर रहने का फायदा ।

उसके कुछ दिन बाद उसी गांव की एक मजदूर का भी किसी दूसरे गांव में एक्सीडेंट हो जाता है । इसका एक्सीडेंड हुआ ये सुनते ही गांव वाले दौड़ कर उसके पास चले जाते है और तुरंत ही उसे टांग कर अस्पताल पहुंचाइए । पूरा अस्पताल इसके साथ लोगों से भर गई थी ।

डाक्टर तुरंत ही इसका इलाज शुरू किया । इसके पास इलाज और दवाई के पैसे नहीं थे लेकिन सभी लोग मिलकर इसके दवाई और इलाज के पैसे दिए । ये सभ देख कर डाक्टर और सभी नर्स चकित हो गए कि ये गरीब है लेकिन इसके पास इतने सारे लोगों का सपोर्ट है तो सभ कुछ है ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here