
मन्नत : औरत के जिंदगी में सबसे बड़ा दुख संतान ना होने का होता है ।
सोनम नाम की एक दुखियारी औरत थी जिसके शादी के काफी साल बीत गए थे लेकिन उसका कोई संतान नहीं हुआ था । इसके बहुत दिन बाद शादी हुई लड़की के दो दो तीन तीन लड़के पढ़ने स्कूल भी जाने लगे थे । लेकिन अब तक बेचारी की कोई संतान नहीं हुई थी ।

कभी कभी तो लोग इसे तने भी मारा करते थे । इसलिए सोनम हर समय उदास रहा करती थी । दूसरा तो दूसरा है मगर पति भी कभी कभी इसे ताना मारा करता था । कभी कभी इसी शर्म से अपने रिलेशन में भी नहीं जाती थी । की पता नहीं कब कोई ताना मार दे ।
अब तो भगवान पर ही भरोसा है ।
एक दिन अपने पति के साथ विंध्याचल गाई थी डॉक्टर से अपना इलाज करवाने के लिए । तभी अपने पति से बोली कि यहां तक तो आए ही है तो क्यों ना पास में ही मा का मंदिर है वहां चलकर थोड़ा दर्शन कर लेते है । इसके पति राजी हो गए और हॉस्पिटल से टेम्पो पकड़ कर मा विंध्यवासनी के दरबार चले गए ।
सोनम अपने जीवन में संतान को लेकर बहुत दुखी थी इसलिए अपना अचल पसार कर मा से संतान का आशीर्वाद और मन्नत मांगी । बोली कि हे मा मुझे एक संतान दे दीजिए । अगले बार मैं आपके यह बाजा बजवाकर हवन करवाऊंगी हे मां मेरी ये इच्छा पूरी कीजिए । फिर माथा टेक कर और मा की एक तस्वीर खरीद कर अपने घर चली आई ।
मां दुखियारी भक्त की इच्छा जरूर पूरी करती है ।
सोनम रोज प्रति दिन मा की उस तस्वीर की पूजा करने लगी और अपना बिनती करने लगी । फिर मा की कृपा से कुछ महीने बाद सोनम को एक सुंदर सा लड़का हुआ । सोनम का खुशी का ठिकाना नहीं रहा क्यों कि बहुत दिन बाद मा के कृपा से उसके गोद भरे थे ।
लड़के के पांच साल होने के बाद सोनम बहुत धूम धाम से और भक्ति भाव से फिर से गाजे गाजे के साथ मा विंध्याचल के दरबार गई और मा के दरबार में हवन करवा कर बाजा भी बजवाई । उसे बिस्वास हो गया कि मा विंध्याचल की कृपा बहुत महान है