
भोज : बच्चे भोज का नाम सुनकर बेचैन हो जाते है ।
एक सुधीर नाम का छोटा लड़का था वो अपने दोस्तो के साथ बाहर खेल रहा था । तभी उसकी कानों में माइक में गाना बजने की आवाज सुनाई दी । सुधीर अपने दोस्तो से कहा यार ये गाना कहा बज रहा है । लगता है आज किसी के यहां भोज है । तभी माइक बज रही है ।

तभी उसके एक दोस्त ने कहा , हा आज मुखिया के घर शादी है और वहा पर खाने के लिए बहुत सारा आइटम और मिठाई भी बनी है । हमारे घर वहां से कार्ड भी आई है साम को हम अपने पापा के साथ वहा पर भोज खाने जाएंगे और आर्केस्ट्रा भी आई है उसे भी देखेंगे ।
अगर भोज में बुलावा न हो तो बच्चे उदास हो जाते है ।
तभी सुधीर उदास हो कर कहता है । यार तुम्हारे पास तो कार्ड आया है लेकिन मेरे पास नहीं आया है । मैं कैसे वहां भोज खाने जाऊंगा क्यों कि सुन कर मेरा भी मन वहां जाने को कर रहा है । तुम ही कोई उपाय बताओ या फिर अपने पापा से कह कर मुझे भी अपने साथ लेजाओ।
तभी सुधीर का दोस्त बोला , यार कही भी बिना बुलाए नहीं जाना चाहिए । इसलिए घर पर ही रहना हम तुम्हारे लिए वहां से बेशक मिठाई ला देंगे । सुधीर अपने दोस्त की बात सुन कर चुप हो गया लेकिन सोचने लगा कि मुझे कोई तो उपाय लगाना ही पड़ेगा वह जाने के लिए ।
बुलावा नहीं होने पर भी बच्चे अपना उपाय लगा ही लेते है ।
सुधीर साम को देखता है कि सभी लोग मुखिया जी के यहां भोज खाने जा रहे है उसके दोस्त भी अपने पापा के साथ वहा जा रहा था । तब मैने भी अपने घर से बिना बताए उन लोगों के साथ निकल गया । वह पहुंच कर देखा तो चारों तरफ लाईट बती जल रही थी लोग भी काफी भीड़ लगाए हुए थे ।
मैने भी उसी भीड़ में घुस गया और लोगों के साथ बैठ कर खाना खाने लगा । खाने में बहुत तरह के आइटम बने थे । सभी आइटम खा कर मन भर गया और फिर मैं अपने घर आगया । घर पहुंचने पर मम्मी पूछी तो हम बता दिए कि भोज खाने गए थे । इस पर मम्मी की थोड़ा डाट भी खानी पड़ी । लेकिन कोई बात नहीं मम्मी की डाट खाई तो क्या हुआ भोज तो खाने को मिला ।