
भगवान की भक्ति : भगवान की मंदिर में पुजारी का काम
बहुत बड़ा भगवान कृष्ण न एक मंदिर था उस मंदिर में दो लोग पुजारी थे । ये दोनों पुजारी ही मंदिर की देख भाल किया करते थे । सुबह सबसे पहले मंदिर को साफ सुथरा कर के पूजा पाठ करना और साम को आरती लगा कर प्रति दिन भजन कीर्तन किया करते थे । उस मंदिर की वजह से इन लोगों की कमाई भी बहुत थी ।

पुजारी जी को एक ही बात से परेशानी हो रही थी कि मंदिर की साफ सफाई इन्हें ही करनी पड़ती थी । तब यही सोच कर उसी गांव का एक कम दिमाग वाला बीरू नाम का लड़का को अपने सेवा और मंदिर की साफ सफाई के लिए रख दिया । पुजारी जी जोभी बात कहते थे वो लड़का वही काम करता था ।
भगवान के नाम पर लोग अपना भी सेवा करवाते हैं ।
बीरू के आने से पुजारी को बहुत आराम मिल गई थी लेकिन बीरू कम दिमाग की वजह से पुजारी की हर बात पर बिस्वास करता था । बीरू मंदिर को साफ सुथरा कर के पुजारी के पूजा करने के बाद पुजारी जी के देख कर वो भी भगवान की सच्चे मन से पूजा पाठ भी करता था ।
एक दिन दोनों पुजारी सुबह सुबह नदी में डुबकी लगा कर स्नान कर रहे थे और बार बार डुबकी लगा रहे थे । ये सभ बीरू देख रहा था और सोच रहा था कि पुजारी बार बार पानी के अंदर डुबकी क्यों लगा रहे है यही सोच कर बीरू पुजारी जी से पुछा कि बाबा आप लोग नदी के आदर जाकर क्या करते है ।
भगवान सच्चे भक्त की जिद आखिर पूरी कर ही देते है
तभी एक पुजारी ने बीरू से झूठ कहा कि हम भगवान के सच्चे भक्त है इस लिए जब जब पानी के अंदर जाते है तब तब भगवान हमे दर्शन देते है । बीरू ने पुजारी जी की बात सुनकर कहने लगा कि हम भी भगवान की दर्शन करेंगे । तब पुजारी ने कहा कि भगवान सच्चे मन वाले को दर्शन देते है तुम्हे नहीं दर्शन देंगे फिर बीरू भी जिद में आगया और पानी में कूद गया और डुबकी लगाने लगा ।
कई बार पानी के अंदर जाने पर भी जब भगवान दर्शन नहीं दे रहे थे तो बीरू सोच में पड़ गया और सोचने लगा कि इस बार पानी से तभी निकलेंगे जब भगवान मुझे दर्शन देंगे । इस बार बीरू जब पानी के अंदर गया तो निकल ही आही रहा था और बहुत देर हो गई थी । तब भगवान भी सोच में पड़ गए और अपने सच्चे मन वाले अनाड़ी भक्त को आखिर दर्शन दे ही दिए और खुस होकर उसे आशीर्वाद भी दिए । बीरू ने बाहर आकर पुजारी से बतलाई तो ये लोग इसकी बात सुन कर चकित हो गए ।