
भूत वाला गुफा : बच्चा क्या जानेगा की कौन इंसान है और कौन भूत ।
एक समय की बात है गर्मियों की छुटी चल रही थी एक सरकारी टीचर अपने बीबी बच्चों के साथ छुट्टियों में पहाड़ों के ऊपर पिकनिक मनाने गया था उसके साथ उसकी बीबी और एक छोटा सा बचा जिसका नाम शांतनु था । शांतनु बहुत ही शरारती और हिम्मत वाला था ।

पहाड़ों पर चारों तरफ हरियाली थी और शुद्ध हवा चल रही थीं । टीचर अपने परिवार के साथ मस्ती में पिकनिक मना रहा था और शांतनु वही पर गेंद लेकर खेल रहा था । तभी शांतनु का गेंद अचानक एक गुफे के अंदर चला गया । तभी शांतनु अपना गेंद लेने के लिए गुफा के तरफ दौड़ गया ।
बचे को खेल बहुत पसंद होता है ।
शांतनु जब गुफा के अंदर गया तो देखा कि एक बूढ़े जैसा आदमी गुफे के अंदर उसका गेंद लेकर खड़ा था । लेकिन वो बूढ़ा आदमी नहीं बल्कि वो एक भूत था जो इसका गेंद लेकर खड़ा था । शांतनु ने उससे अपना गेंद देने को कहा लेकिन भूत ने शांतनु अपने पास आने को कहा ।
तब शांतनु उसके पास गया तो भूत इसे एक डिस्कुट देते हुए कहा कि मैं तुमसे दोस्ती करना चाहता हु और साथ में खेलना भी चाहता हु । तब शांतनु उस भूत से एक और बिस्कुट देने को कहा तब साथ मे खेलेंगे । भूत जादू से तुरंत बिस्कुट का एक पॉकेट उसे दे देता है ।
बचे क्या जाने की कौन क्या है ।
शांतनु इसका जादू से बिस्कुट मंगाना देख कर चकित हो जाता है और फिर इसके जादू के बारे में पूछता है । तब ये शांतनु को बता देता है कि हम एक भूत है । शांतनु भूत का नाम सुनकर डारने लागता है । तब भूत बहुत प्यार से शांतनु को समझते हुए कहता है कि मुझसे डरने की जरूरत नहीं है । कुछ नहीं करूंगा ।
शांतनु खुश हो जाता है और भूत के साथ खेलने लगता है । बहुत देर साथ में खेलने के बाद शांतनु थक जाता है । फिर भूत इसे अपने कंधे पर बैठा कर घुमाने लगता है और कहानी और चुटकुला सुना कर इसका मन बहलाता है । शांतनु भूत के साथ खेल कर बहुत मस्ती किया और ढेर सारा मिठाई खाई । फिर बहुत मस्ती करने के बाद अपने मम्मी पापा के पास चला आता है