
झोपड़ी में भगवान : पेट की भूख और गरीबी बहुत दुख देती है ।
एक बहुत ही गरीब व्यक्ति अपने परिवार के साथ झोपड़ी में किसी तरह गुजारा करता था । उसका एक छोटा सा बचा और बीबी थी । वह दोनों पैर से लंगड़ा था इसलिए उसे कही पर काम भी नहीं मिल रही थी । वह लोगों के दरवाजे दरवाजे जाकर भीख मांगता था और उसी से अपने परिवार का गुजर करता था ।
वह गरीब था लेकिन वो एक सच्चे मन वाका और भगवान का भक्त था । वो अपने झोपडी में ही भगवान विष्णु का तस्वीर रख कर प्रति दिन पूजा भी किया करता था और वो खुद भीख मांग कर ही खता था लेकिन दरवाजे पर कोई मांगने आजाएं तो उसे भी जरूर देता था ।

इंसान को कभी भी ईमानदारी नहीं खोनी चाहिए
दुख में भी अपने ईमानदारी पर रहे वही सबसे महान होता है ।
आस पास के लोग इसकी गरीबी और भीख मांगने की वजह से इसे निचा दिखाते थे । अपने यहां कोई भी फंसन , जैसे कि शादी ब्याह में नहीं पूछते थे । लेकिन ये इस बात की कभी भी चिंता नहीं करता था । वो सिर्फ भगवान विष्णु पर पर भरोसा किया करता था ।
उसकी बीबी जब भी बोलती थी कि हमारा गरीबी ना जाने कब दूर होगी । तब वो यही कह रहा था कि जिसदिन भगवान विष्णु कृपा करेंगे उस दिन जरूर हमारी दिन दसा पलट जाएगी । मुझे बस भगवान विष्णु पर ही भरोसा है । शायद कभी न कभी तो भगवान कृपा जरूर करेंगे ।
भगवान की नजर में कोई अमीर या गरीब नहीं है ।
भगवान तो सब जानते है वो ऊपर बैठ कर सबको देखते है । शायद वो भी इसका परीक्षा ही ले रहे थे । इसी तरह से दिन बीत रहे थे । फिर एक दिन भगवान विष्णु एक भिखारी का भेस बदल कर खुद इसके घर भीख मांगने आए और इसके दरवाजे से आवाज लगाई ।उस वक्त वो खाना खाने ज्यों ही बैठा था ।
तब आवाज सुनकर वो बाहर आया तब भगवान भिखारी के रूप में ही उसे कुछ लाने के लिए कहे । वो ठीक है कहकर अंदर अनाज लाने गया और अंदर से कुछ नहीं मिला तब वो अपने हिस्सेका खाना लाकर इन्हें देने लगता तब भगवान इसके उदारता पर बहुत खुश होते है कि ये खुद भी भूखा रह कर दूसरे का पेट भरना चाहता है । तब भगवान विष्णु खुश होकर इसे अपना असल रूप में आकर इसे दर्शन देते है ।
वो साक्षात भगवान को अपने झोपड़ी में देख कर बहुत खुश होता है और हाथ जोड़ कर कहने लगा कि हे प्रभु आज आपकी दर्शन पाकर मैं धन्य हो गया । फिर भगवान खुश होकर कहते है कि मैं तुम्हारे सच्ची भावना और भक्ति से खुश हु । आज से तुम्हारे दुख का दिन समाप्त हो गई । आज से तुम्हारे सारी दरिद्रता और गरीबी खत्म हो जाएगी । यही कह कर भगवान अदृश्य हो गए । उस दिन से इसका जीवन सुखमय हो गया