प्यार का शहरा : जब सभ साथ में हो तो जीवन में खुशियां ही खुशियां रहती है ।

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प्यार का शहरा : जब सभ साथ में हो तो जीवन में खुशियां ही खुशियां रहती है ।

एक लड़का जिसका नाम रामू था वो अपने मा बाप और भाई के साथ बहुत खुश था उसका एक हस्ता खेलता परिवार था । रामू  कॉलेज में पढ़ाई करता था । पढ़ने में भी बहुत ठीक था । इसके पिता इसे बहुत मानते थे और इसे पढ़ा लिखा कर एक डॉक्टर बनना चाहते थे ।

रामू के पिता एक प्राईभेट कंपनी में काम करते थे इनकी तनख्वाह भी बहुत कम थी । लेकिन जितनी थी वो उसी में अपना घर चलाकर अपने बेटे को एक कामयाब व्यक्ति बनाना चाहते थे । रामू भी अपनी पढ़ाई ठीक तरह से करता था । उसके पिता के रहते उसे किसी भी बात की चिंता नहीं थी । हरदम खुश रहा करता था ।

अचानक सारा सपना टूट जाता है तो बहुत दर्द होता है ।

लेकिन ये खुशी ज्यादा दिन तक नहीं रही । एक दिन इसके पिता और भाई बाइक से किसी काम से कही जा रहे थे तभी उधर रस्ते में एक ट्रक से इन दोनों का एक्सीडेंट हो गया और ये दोनों अब इस दुनिया में नहीं रहे । किसी ने वहां से फोन करके इस बात की खबर दी ।

मैं ये खबर सुन के तो जैसे हमारे पैरों तले जैसे जमीन खिसक गई । एक पल में हमारा सारा सपना  टूट कर चूर चूर हो गया । अपने पिता और भाई की मंतिम संस्कार करने के बाद अब घर का सारा बोझ मेरे ऊपर आगया । ।मेरा पढ़ाई और डॉक्टर की तैयारी सभ सभ खत्म हो गया । मेरी हंसते हुए जिंदगी माउसी में बदल गई ।

जीवन में किसी ना किसी का सारा मिल ही जाता है ।

अब मैं मजदूरी करने लगा । फिर एक बार एक घर में काम चल रही थी काम करते कई दिन हो गए थे लेकिन मैं किसी से कुछ बात नहीं करता था बस अपना काम करता रहा । उसी घर में एक लड़की थी जो मेरे खामोशी को कई दिनों से देख रही थी फिर मेरे खामोशी का कारण को पता किया और फिर शायद उसको मेरे ऊपर दया आई ।

फिर वो मुझसे बात करने के लिए और मेरा मन बहलाने की कोशिश करने लगी । शायद उसकी कोशिश ही एक दिन प्यार में बदल गया और धीरे धीरे मुझे भी उससे प्यार हो गया था । शायद उस लड़की के प्यार के कारण अब मेरा खामोशी अब टूट गई थी । मेरा जीवन अब खुशियों से भर गया और ये खुशी उस लड़की के प्यार के कारण ही हुआ ।

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