रिश्ते की कदर : अपने की कीमत साथ रहने पर नहीं होती ।

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रिश्ते की कदर : अपने की कीमत साथ रहने पर नहीं होती ।

एक संजू नाम की औरत थी इसके पति का नाम सरोज था । सरोज खेती बारी और मजदूरी किया करता था वो दिन रात मेहनत करता और अपने परिवार की हर जरूर को पूरा करता रहता था । वो यही चाहता था कि हमें कितना भी मेहनत करनी पड़े लेकिन मेरे परिवार को किसी भी तरह की दिक्कत ना हो ।

वो दिनरात मेहनत करता था लेकिन इसकी पत्नी संजू इसकी कोई कदर नहीं करती थी । हर वक्त इससे लड़ती रहती थी । बेचारा सरोज इसी वजह से हर वक्त दुखी रहता था । क्यों कि जिसके लिए ये दिन रात मेहनत किया करता था वो ही इसकी कोई कदर नहीं करती थी ।

पति के कमाई पर पत्नी राज करती है ।

संजू की खर्चा भी बहुत थी क्यों कि आस पास के सर्विस वाले घर की महिलाओं को देख कर ये भी महंगी महंगी साड़ियां खरीदती और महंगी क्रीम पाउडर ही यूज किया करती थी । सरोज पूरा दिन मेहनत कर के साम को जब अपने घर आता था तो बीवी ठीक से खाना पानी देना तो दूर की बात है ।

सरोज की बीबी इसे ठीक से बात भी नहीं किया करती थी । सरोज अपने बीबी बच्चों की जरूरत को पूरा करने के लिए ये खुद पुराने फटे तक भी कपड़ा पहनकर रह जाता था । लेकिन सरोज इन लोगों को हर खुशी दिया करता था । वो इन लोगों को खुश देख कर ही खुद खुश रहता था ।

जब पति नहीं रहता तो उसकी कीमत कैसे समझ में आती है ।

संजू अपने पति के कमाई पर हर ऐसों आराम किया करती थी लेकिन अपने पति को ही कुछ कीमत नहीं समझती थी । तभी एक दिन सरोज की तबियत बहुत खराब हो गई । बहुत जगह इलाज करवाने के बाद भी ये ठीक नहीं हो पाया और अंत में मर गया ।

सरोज के मरने के बाद अब संजू की हालत बहुत खराब हो गई थी । अब तो इसके फैशन की तो दूर की बात है अब तो इसे खाने को भी मुश्किल पड़ गए । ये अब  दूसरे के घर जाकर काम करने लगी । अब इसे अपने पति का कीमत समझ में आ गई कि पति साथ में था तो घर में रानी बनी थी और पति नहीं है तो नौकरानी बन गई ।

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