हाथी के बच्चा  : एक हाथी का बच्चा जब गांव में घुसा ।

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हाथी के बच्चा  : एक हाथी का बच्चा जब गांव में घुसा ।

एक बार एक हाथी का बच्चा अपने मा से बिछड़ कर एक गांव में घुस गया और अपनी मां के तलाश में इधर उधर भटक रहा था । गांव के सारे बच्चे इसे देखकर हाला करने लगे और कोई कोई लड़का इसे ढेला से भी मार रहे थे । बेचारा हाथी का बच्चा इधर उधर भाग रहा था ।

तभी एक सोनू नाम का इसे देख लेता है और इसपर दया कर के अपने पापा से कह कर सारे लड़के को भगा दिया। फिर इस हाथी के बच्चे को अपने यहां लाकर इसे खाना पानी सभ दिया । हाथी का बचा भूखा था इसलिए खाना खा तो लिया लेकिन अपने मा के लिए बहुत बेचैन था ।

प्यार से जानवर का भी बच्चा मान जाता है ।

थोड़ी देर बाद फिर अपनी मां के लिए चिलाने लगा । सोनू समझ गया कि ये अपनी मां के लिए चिला रहा है इसलिए सोनू इसके पास आकर प्यार से इसके पीठ पर सहलाने लगा और आश्वासन देते हुए ये भी कहा कि चिंता मत करो हम तुम्हारे मा से जरूर मिलाएंगे ।

रात भर हाथी का बच्चा सोनू के पास रहा और अगले दिन सुबह सोनू इस हाथी के बचे को लेकर जंगल की तरफ निकल गया इसके मा से मिलाने । जंगल भी बहुत दूर था इसलिए जाते जाते थक भी जाता था तो आराम कर के रुक रुक कर जा रहा था

आखिर सोनू हाथी के बच्चे को इसके मा से मिला ही दिया ।

जाते जाते साम हो गई थी सोनू जंगल में पहुंच गया था लेकिन रात होने की वजह से एक जगह देख कर वही पर रुक गया भूख तो जोरो से लगी थी इसलिए सोनू पेड़ से अपने लिए फल और उस हाथी के बेचे के लिए पतला पतला टहनी और पते लाया । फिर यही खाकर उसी जगह आराम करने लगे । बस सुबह के इंतजार में ।

अगले दिन सुबह होते ही सोनू इसकी मा के तलाश में इसे लेकर ढूंढने लगा । इधर उधर कई जगह ढूंढने के बाद आखिर इसकी मा एक जगह मिल गई । हाथी का बच्चा अपनी मां को देखकर बहुत खुश हुआ और इसकी मा भी बहुत खुश हुई । उस हाथी ने अपने सूंड से सोनू का धन्यवाद किया फिर अपने पीठ पर बैठा कर सोनू को जंगल भी पर कराई और सोनू अपने घर आगया ।

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