
भांग का नशा : बहुत दिन बाद दोस्त से मिलकर बहुत खुशी होती है ।
एक बार की बात है गर्मियों कि छुटी चल रही थी उसी समय कोलकाता से रजनीश नाम का हमारा एक दोस्त अपने मम्मी पापा के साथ गांव पर आए हुए थे । रजनीश बहुत दिन के बाद यहां पर आया हुआ था । इसलिए वो आते ही पहले मेरे घर आया । मैं भी रजनीश को देख कर बहुत खुश हुआ ।

फिर हमलोग आसपास में बैठ कर हाल चाल किए मम्मी हम लोगों के लिए चाय लेकर आई । हम लोग चाय पीते हुए इधर उधर की बात की और कुछ देर बाद रजनीश बोला कि हम लोग शाम को मिलते है फिर अपने घर चला गया । हम भी कुछ देर पढ़ाई किए फिर खाना खा कर आराम किए और थोड़ी देर बाद साम हो गई ।
दोस्तो के साथ मिलकर थोड़ा मस्ती हो जाती है ।
साम को घर से बाहर निकलते ही रजनीश से भेट हो गई और भी कुछ दोस्त लोग वहां पर खड़े थे । हम लोग एक साथ मिलने के बाद रजनीश बोला कि यार बहुत दिन बाद आपस में भेट हुई है तो क्यों ना कही घूमने चलते है और मस्ती करते है । रजनीश की बात सुनकर हम सभी दोस्त राजी हो गए और अगले दिन चलने का प्लान बनाए
अगले दिन हमलोग सभी दोस्त मार्केट में घूमने गए फिर कुछ मंदिर और पार्क भी घूमे । हमलोग साथ में घूम कर बहुत मजा किया । मार्केट में बहुत कुछ खाए फिर हम सभ सोचे कि यार ऐसे अभी माजा नहीं आ रहा है । फिर हमलोग भाग खाने का प्लान बनाए फिर जाकर भंग भी खा लिए ।
लड़के की बदमाशी घर वाले जान ही जाते है ।
भांग का नशा क्या है मैं उस दिन जान पाया । भांग खाने के बाद हमलोग रसगुले भी खा लिए उसके बाद हम सभ अपने घर आगे । तब तक भांग अपना असर दिखाना शुरू कर दिया । सर भारी होन लगा आंख लाल जैसा होकर चढ़ने लगा । फिर घर जाते जाते साम हो गई और घर जाते ही मम्मी खाना लेकर आई । जब हम खाना खा रहे थे तो इतना खाना खाए कि घर के सभी लोग देख कर चकित रह गए ।
फिर घोड़ी देर बाद हम सोने चले गए और भांग की नसे में मुझे जल्दी नींद लग गई । थोड़े देर बाद मुझे लग रहा था कि हम आसमान में जा रहे है और अचानक गिर रहे है । डर के मारे हम चिलाने लगे । मेरी आवाज को सुन कर घर के सभी लोग जुट गए और समझ गए कि ये भंग खाया है । फिर जगाकर नीमकी की अचार खिलाए और उसी रात हमें नहलाए और मम्मी पापा हमे बहुत बोले । उस दिन से मैं अब ऐसा गलती कभी नहीं किया ।