
दूध का धंधा : जब कोई बेरोजगार हो तो उसे बहुत उलझन रहती है ।
एक प्रदीप नाम का लड़का अपने पढ़ाई पूरी करने के बाद सरकारी नौकरी की बहुत प्रयास किया लेकिन इसे
सरकारी कोई भी नौकरी नहीं मिली । प्राइवेट नौकरी भी कोई ढंग की नहीं मिल पाई । इसलिए बेरोजगार ही इधर उधर घूम रहा था । घर वाले भी इसे बोलते रहते थे ।

ये सोच रहा था कि आखिर क्या करे कि ढंग का कुछ पैसा कमा पाए । तभी एक दिन देखा कि उसी के गांव के रहने वाले मुरारी काका थे वो भी कोई काम ना मिलने पर अपने यहां चार गाय रखे थे और उसी गाय की दूध से अपना दूध बेचने का काम चालू किए थे
दूसरे को देख कर भी कुछ करने की प्रेरणा मिलती है ।
मुरारी काका की चारों गाय को मिलकर तीस लीटर दूध होता था लेकिन मुरारी काका दूध में पानी फेट कर उसे पचास लीटर बना दिया करते थे और उसी दूध को चाय के दुकान पर और कुछ घर घर दिया करते थे । वहीं दूध बेचकर मुरारी काका अच्छा खासा पैसा कमाते थे ।
उनके दूध में पानी मिलाने के बाद भी लोगो की उनसे कोई शिकायत नहीं रहती थी । मुरारी काका उसी दूध के कमाई से अपना जमीन खरीद कर अच्छा खासा घर भी बनवा लिए है । अपने लड़के को अच्छे स्कूल एडमिशन भी करवा दिए और एक अच्छी जिंदगी बिता रहे है ।
आखिर लड़का दुध का धंधा ही करना ठीक समझा ।
मुरारी काका की काम और प्रगति देख कर हमारे भी दिमाग में ये बात सूझ गई और हम भी यही धंधा करने को सोच लिए । प्रदीप घर जाकर ये बात अपने पाप से कहा तो इसके पापा दो गया खरीद कर इसे दे दिए और बोले कि तुम इसी दो गाय की कमाई से चार गाय करो या छे गाय करो , ये तुम जानो ।
प्रदीप भी गाय की सेवा में जीतोड़ मेहनत करना चालू कर दिया और गाय जो भी दूध देती थी वो भी मुरारी काका की तरह दूध में कुछ पानी मिलकर बेचना शुरू कर दिया और ये भी अच्छा खासा पैसा कमाने लगा । आज उसी दूध की कमाई से दो गाय से दस गाय बढ़ा दिया और अब इससे बहुत अच्छी इनकम करने लगा ।