
याद के सहारे : अगर कोई किसी को चाहता है तो उसके लिए तड़प रहती है ।
प्यार जब दोनों तरफ से बराबर हो तो दिल में एक उमंग खिला रहता है वही अगर प्यार एक तरफ से हो तो दिल को प्यास की लहर ही रहती है जैसे पानी के बिना मछली अपना सर पटक पटक कर तड़पती रहती है । ठीक उसी तरह एक प्रेमी अपने प्रेमिका के लिए तड़पता है ।

ठीक उसी तरह एक राजू नाम का लड़का अपने प्रेमी की याद में हर पल तड़पता रहता है । वो सोते जागते सिर्फ उसी लड़की का सपना देखता रहता था । उसे किसी काम में मन भी नहीं लग रहा था नहीं जाने पीने में । बस याद कर कर के तड़पता रहता था ।
प्यार की शुरुआत कैसे और किस तारा हुआ था ।
बात उस समय की है जब राजू कॉलेज में पढ़ाई किया करता था और उसी कॉलेज में एक संध्या नाम की लड़की भी पढ़ने आया करती थी । संध्या को कॉलेज आते समय एक कुत्ता ने काटने के लिए दौड़ा दिया था तब राजू ने संध्या को उस कुत्ते से बचाया था ।
उस दिन से संध्या और राजू में दोस्ती हो गई थी । लेकिन राजू के दिल में संध्या की दोस्ती प्यार में बदल गई थी । राजू मन ही मन संध्या को दिलो जान से चाहने लगा था । लेकिन संध्या के तरफ से प्यार का कोई रिएक्शन नहीं मिल रहा था और नाही इनकार का मिल पता था
एक तरफ से प्यार बहुत दर्द देती है ।
धीरे धीरे समय बीतता गया लेकिन राजू की चाह खत्म नहीं हुआ । एक दिन राजू हिम्मत कर के अपने दिल की बात संध्या से कह दिया लेकिन संध्या इस बात पर ना भी नहीं कही और हा भी नहीं कही । वो राजू से यही कहा कि हम सोच कर बाद में बताएंगे ।
संध्या के तरफ से अभी प्यार का इजहार भी नहीं हुआ था कि ठीक उसी समय संध्या की अचानक शादी तय हो गई । संध्या कॉलेज भी आना छोड़ दिया फिर कुछ दिन बाद राजू एक दिन संध्या के बारे में पता लगाया तो मालूम हुआ कि इसकी शादी हो गई और ये ससुराल भी चली गई । उसी दिन से राजू , बस संध्या के याद में तड़पता रहता है ।