
जादुई छड़ी : जब लड़का एक ही हो तो उसे बहुत प्यार मिलता है ।
एक गांव में एक स्कूल टीचर रहते थे । इनके एक लड़का जिसका नाम राजू था । राजू अपने मा बाप के एकलौता होने के कारण इसे बहुत प्यार मिलता था । राजू जो भी मांगता इसके माता पिता इसे जरूर दिया करते थे । लेकिन एक दिन राजू के मां का देहांत हो गया।

राजू अब बिन मा का हों गया इसलिए अपनी मां के लिए बहुत रोया करता था । राजू के पिता राजू का इस तरह से रोना देखा नहीं गया इसलिए उसने दूसरी शादी कर ली ताकि राजू को मा की कमी महसूस ना हो । राजू भी अपनी दूसरी मां को देख कर बहुत खुश हुआ ।
सौतेली मां अपना रंग दिखा ही देती है ।
राजू की सौतेली मां इसे वो प्यार नहीं देती थी जो एक मा को देना चाहिए । फिर इन्हें एक लड़का हुआ जिसका नाम इन्होंने शांतनु रखा । राजू की सौतेली मां को एक लड़का होने के बाद राजू का प्यार और भी खत्म कर दिया । राजू के पिता राजू को बहुत प्यार करते थे ।
लेकिन एक दिन राजू के पिता का तबियत खराब हुई और वो भी मर गए । राजू के पिता को मरते ही इसकी सौतेली मां राजू के साथ नौकरों जैसा व्यवहार करने लगी । ये राजू से घर का सारा काम करवाया करती थी और थोड़ा भी काम में लेट होने पर इसका खाना पीना भी बंद कर देती थी ।
राजू का सहारा अब छड़ी ही बना ।
एक दिन राजू की सौतेली मां इसका खाना पीना बंद कर दिया तब राजू अपने कमरे में बैठ कर अपने मा बाप को याद कर के रो रहा था । रात भी बहुत हो गई थी तभी अचानक पकवानों से भरी एक थाली राजू के सामने आ गई । राजू देख कर चकित हो गया कि आखिर ये कहा से आगया।
राजू वो पकवान खा लिया फिर इसे प्यास लगी तो पानी के लिए रो रहा था । तभी इसके सामने पानी का ग्लास आगया । राजू ये देख लेता है कि ये कहा से आ रहा है । राजू के पिता का एक छड़ी था । शायद वो जादुई छड़ी थी । राजू ये जानकार अब रोज इस छड़ी से अपने लिए कुछ ना कुछ मांगा करता था । अब ये छड़ी राजू की हर जरूरत को पूरा करने लगा ।