
सबसे बड़ा भक्तव : लोग भगवान का चंद भी अपने नाम के लिए ही देते है
एक बार की बात हैं कि एक गांव में भगवान शिव की बहुत विशाल मंदिर का निर्माण हो रहा था । वहां के पुजारी पूरे गांव में घूम घूम कर कह दिये कि भगवान शिव का जो जितना बड़ा भक्त होगा वो उतना ज्यादा चंदा जरूर देगा । जो ज्यादा चंदा देगा भगवान शिव का वही सच्चा भक्त कहलाएगा ।

गांव वाले अपना अपना नाम हेड लिस्ट में ऊपर करने के लिए बढ़ चढ़ कर चंदा दे रहे थे लेकिन उसी गांव में एक सबसे बड़ा गरीब आदमी था । जिसके पास चंदा देने की शौकास नहीं थी इसलिए ये भगवान से माफी मांग अपना मन मार कर रह गया । लेकिन गांव वाले अपने बड़ापन में इसे ताना मारकर नास्तिक कहते थे ।
भगवान भी अपने भक्त की परीक्षा जरूर लेते है
भगवान शिव भी कैलाश पर बैठ कर धरती पर अपने सारे भक्त की तमाशा देख रहे थे कि सारे लोग अपने आप को सबसे बड़ा भक्त बनाने का साबित कर रहे थे । ये देख कर भगवान शिव के मन में एक बात आई कि क्यों ना धरती पर चलकर खुद ही इनका परीक्षा ले ले ।
फिर भगवान शिव एक बूढ़े भिखारी का भेस बना कर धरती पर उसी गांव में आ गए और अपने माया से एक छोटा सा रोगी बच्चा अपने साथ में ले लिए । फिर उस गांव में घर घर घूमने लगे और जितने लोग मंदिर के लिए बढ़ चढ़ कर चंदा दिए थे सबसे पहले उनके घर गए ।
आखिर भगवान सबको बता ही दिए कि सबसे बड़ा भक्त कौन है ।
उनलोगों से इस छोटे से लड़के की इलाज करवाने के लिए मदद मांगने लगे लेकिन किसी ने इनकी कोई मदद नहीं की । फिर भगवान शिव बूढ़े के ही भेस में उस गरीब आदमी के पास गए । जिसके पास चंदा देने लिए पैसे नहीं थे । भगवान बूढ़े के भेस में अपना समस्या बताई ।
उस गरीब आदमी ने बच्चे की हालत देख कर अपने घर का सारा समान बेच कर इन्हें दे दिया और बोला कि बाबा इस बचे को ठीक से इलाज करवाना । अगर जरूरत पड़ी तो मैं मजदूरी कर के भी आपकी मदद जरूर करूंगा । गांव वाले ऐसा करते देख इसे पागल कहते थे ।
मगर इस गरीब की इतना बड़ा दिल देख कर भगवान शिव अपने असली रूप में आ गए और इसे आशीर्वाद देते हुए बोले कि यहां पर सबसे बड़ा दिल इस गरीब के पास ही है इसलिए यहा के सबसे बड़े भक्त का हकदार यही है । उस दिन से उसकी सारे दुख दूर हो गए और वहा का शिव का सबसे बड़ा भक्त कहलाने लगा ।