
चतुर लोमड़ी : जंगल का राजा आखिर शेर ही होता है
वैसे तो जंगल में एक से बढ़ कर एक सारे जानवर खूंखार थे । सभी जानवर अपनी अपनी झुंड बना कर रहते थे कोई किसी से कम नहीं था । लेकिन वहा पर सभी जानवरों का और उस जंगल का राजा शेर था । जो कि अकेला ही रहता था लेकिन वहा के सभी जानवर इस शेर से डरते थे ।

शेर उन सभी जानवरों के झुंड से अकेला ही रहता था । मगर सभी जानवरों पर राज किया करता था । अगर किसी जानवर ने कभी सीकर किया तो सबसे पहले शेर को ही देना पड़ेगा । या फिर जिस दिन कोई उस जंगल में कोई सीकर नहीं मिला तो उसी जंगल के जानवरों में से किसी एक को जान पड़ता था ।
शेर सारे जानवरों का शिकार खुद ही ले लिया करता है ।
सारे जानवर इसके डर से थर थर कांपते रहते थे । इसी जंगल में एक बहुत ही चतुर सियार रहता था । सियार एक बार अपने खाने के लिए शिकार कीय था और उस शिकार को लोमड़ी सोचा कि अपने ठिकाने पर लेजाकर आराम से खायेंगे इसलिए लोमड़ी अपने गुफे की तरफ ले कर जा रहा था ।
जिस रस्ते से लोमड़ी शिकार को लेकर जा रहा था उसी रस्ते से शेर भी उधर से टहलते हुए आ रहा था । तभी लोमड़ी की नजर शेर पर पड़ी । शेर को देखते थी लोमड़ी अपने शिकार को लेकर भागने लगा । शेर भी लोमड़ी को शिकार लेकर भागते देख उसके पीछे दौड़ गया ।
आखिर लोमड़ी भी अपनी चतुराई से शेर को मार सकता है ।
फिर लोमड़ी को सामने से जा कर गेड़ लिया और बोला कि तुम्हारी इतना हिम्मत की हमको बिना शिकार दिए हुए ही यहां से भाग रहे हो । लोमड़ी चालाकी लगाई और बोला कि राजा साहब आप के लिए ही ला रहे थे लेकिन आपसे भी तगड़ा शेर राजा आए है और वो ही मुझे डरा कर ये शिकार मंगवाए है ।
शेर दूसरे शेर का नाम सुनकर गुस्सा हो गया और बोला कि कहा है वो शेर , मुझे उसके पास ले चलो । पहले मैं उसका शिकार करूंगा । लोमड़ी देर ना करते हुए शेर को लेकर चल दिया और शेर को कुएं के पास ले जाकर बोला कि बोला को देखिए ये यही पर है ।
शेर कुएं में देखा देखा तो पानी में उसका ही चेहरा दिखाई दिया । फिर शेर पानी में अपना ही चेहरा देख दूसरा शेर समझ कर कुएं में कूद गया और पानी में कूद कर अपना जान गवा दिया । फिर लोमड़ी वहां से अपना शिकार लेकर चल गया और उस दिन से सभी जानवर आजादी की जिंदगी बिताने लगे ।