
अनजाने में प्यार : कुछ लड़के सारे लड़कों से हट कर होते है ।
गुड्डू नाम का एक लड़का था जो कि बहुत ही सीधा साधा और एक नेक दिल इंसान था । वो ना कभी किसी के बारे में बुरा सोचता था और ना ही किसी के साथ कभी गलत किया था । उसके कपड़े की एक दुकान थी । गुड्डू बस दुकान के काम में ही अपना मन लगाता था । मानो जैसे दुकान ही इसका सबकुछ है और कोई नहीं ।

इसके उमर के जितने भी लड़के थे वो दिन रात लड़कियों के पीछे अपना समय बर्बाद करते थे । लेकिन गुड्डू उन सभ से अलग था । वो नहीं कभी किसी लड़की के पीछे ध्यान देता और ना ही किसी लड़की से ज्यादा कभी बात किया था । ये किसी लड़की के तरफ नजर उठा कर भी नहीं देखता था ।
अगर कोई सीधा साधा हो तो उसकी सभी लोग तारीफ करते ही है ।
गुड्डू के इस तरह की नियत और व्यवहार की सारे गांव वाले इसका तारीफ किया करते थे । इसे कई सारी लड़कियां अपने प्रेम जाल में लाने की कोशिश की लेकिन गुड्डू किसी भी लड़की के प्रेम जाल में नहीं फंस पाया । कई लड़कियां इसे नंबर देना चाही मगर ये कोई ना कोई बहाना बना देते थे । बस ये अपने काम से ही प्रेम किया जाता था ।
मगर एक दिन ऐसा हुआ कि गुड्डू के जीवन का सारे तख्ता ही पलट हो गई । एक सीधा साधा लड़का आखिर किसी के प्यार में दीवाना मन गया । एक दिन गुड्डू रोज की भाती अपने दुकान से आकर चाय पानी कर के अपने रुम में टीवी देख रहा था । फिर सोचा की अपने फुआ के पास फोन कर लू और उनका हाल चाल कर लू ।
कोई रँग नंबर भी किसी के दिल को बेचैन कर सकता है
गुड्डू फोन किया तो उधर से एक लड़की की आवाज आई जिसकी आवाज कोयल से भी जादा मीठी थी । उस लड़की की आवाज सुनते ही गुड्डू के दिल में एक लहर सी दौड़ गई । गुड्डू उसका नाम पूछा तो ये अपना नाम प्रीति बताई जो कि गुड्डू के फुआं के यहां कोई नहीं था । ये नंबर गलत लग चुका था । गुड्डू इससे और भी बात करना चाहा लेकिन वो लड़की रंग नंबर कह कर फोन काट दी ।
गुड्डू के मन में उससे बात करने की बेचैनी सी हो गई थी । ऐसा इसके जीवन में पहली बार हुआ था कि ये किसी लड़की से बात करने के लिए बेचैन हो । अब गुड्डू उस लड़की को रोज बार बार किसी ना किसी बहने से फोन करने लगा । शायद उस लड़की से गुड्डू को प्यार हो गया था । आखिर वो लड़की भी अब गुडु से बात करने लगी और बात प्यार में बदल गया ।