जादुई गेंद : कुछ बच्चे शरारती और बदमाश होते है जो कि अच्छे बच्चे को परेशान करते है ।

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जादुई गेंद : कुछ बच्चे शरारती और बदमाश होते है जो कि अच्छे बच्चे को परेशान करते है ।

एक गांव में सोनू नाम का लड़का रहता । सोनू बहुत सीधा साधा था इसलिए इसके स्कूल के सारे बच्चे इसे परेशान किया करते थे । लेकिन सोनू अपने पढ़ाई पर ध्यान दिया करता था। ये उन सभी लड़के से हमेशा दूर ही रहा करता था । क्यों कि जब भी उन लड़कों के पास जाता था वो सभ इसे छेड़ने लगते थे ।

सोनू एक बार स्कूल जा रहा था तभी रास्ते में ही इसके स्कूल के कुछ शरारती बच्चे सोनू का किताब फॉर दिए ।  सोनू उन सभ को रोकने की प्रयास किया तो वो सभ मिलकर सोनू को अच्छी तरह से पिटाई भी कर दिए । सोनू रोते हुए स्कूल गया और टीचर से इस बात की शिकायत किया लेकिन टीचर भी उन सभ को कुछ नहीं किए ।

आखिर कोई ना कोई सहारा जरूर मिलता है ।

सोनू स्कूल के छुटी होने बाद रस्ते में ही एक बहुत बड़ा पेड़ था वहीं पर मन मार कर बैठ गया और सारे लड़के की बदमाशी से काफी परेशान था । तभी एक साधु उसी रस्ते से आ रहा था और सोनू को इस तरह उदास बैठा देख इसके पास आकर बैठ गया और सुनी कि उदासी का कारण पूछा ।

सोनू साधु की बात सुनकर रोने लगा और अपने साथ हुई परेशानी के बारे में बता दिया । साधु को सोनू की बात सुनकर इसपर दया आ गई । फिर अपने झोली से एक गेंद निकाल कर सोनू को दे दिया और बोले कि बेटा आज से ये गेंद तुम्हारे हर परेशानी में हर पल साथ देगा ।

आखिर उदंड बच्चों को उदंडता की दंड मिल ही गया ।

सोनू गेंद पाकर बहुत खुश हुआ फिर साधु वहा से चले गए और सोनू भी अपने घर आ गया । फिर अगले दिन रोज की भाती स्कूल गया तो हमेशा की तरह सारे बच्चे इसे फिर से छेड़ने लगे और परेशान करने लगे । तभी साधु के दिया हुआ गेंद सोनू के हाथ से निकल कर सबको उछल उछल कर मरने लगता है ।

गेंद को अपने आप उछल कर मारते देख सभी लड़के दंग हो जाते है और वहा से भाग जाते है । इस तरह से जब भी सोनू को कोई परेशान करता उसे साधु का जादुई गेंद सबक सिखा देता था । धीरे धीरे सोनू को सभी लोग परेशान करना छोड़ दिए और स्कूल के सारे बच्चे सोनू से दोस्ती करने लगे । जादुई गेंद की वजह से सोनू का जीवन हसी खुशी से बीतने लगा ।

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