
महबूब की बेवफाई : जब किसी धोखे बाज से प्यार होता है ।
एक गांव में बंसी नाम का लड़का रहता था । बंशी बहुत दौलत मंद था । इसके पिता के चार कंपनी थी जो कि इसके पिता के मरने के बाद अब सब कुछ बंसी का ही था । क्यों कि बंसी अपने मा बाप का एकलौता संतान था । इसलिए बंसी पढ़ाई छोड़ के कारोबार में लग गया और बिजनेस पर दिन रात मेहनत करने लगा ।

सब कुछ ठीक ठाक से चल रहा था तभी बंसी के जीवन मे एक सौम्या नाम की लड़की आई जो कि बंसी के आपिस में ही काम कर रही थी । सौम्या को बंसी के आपिस में काम करने के कारण दोनों को बार बार देखना और बात करना होता था । इसलिए धीरे धीरे दोनों को आपस में लगाव हो गया ।
प्यार में कुछ भी समझ नहीं आता है ।
सौम्या धीरे धीरे बंसी को अपने प्यार के बंधन में बांध लिया । बंसी सौम्या के प्यार में इतना दीवाना हो गया कि उसे सौम्या के अलावा कुछ नहीं दिख रहा था । इसलिए बंसी अपने वफादार असिस्टेड को हटाकर सौम्या को ही उसके जगह रख लिया । ताकि हर पल इसके साथ रह सके सौम्या भी बहुत हुई ।
सौम्या भी अपने प्यार में इतना दीवाना कर दिया कि बंसी को अब सौम्या के सिवाय कुछ भी नहीं भाता था । धीरे धीरे बंसी अपने बिजनेस पर ध्यान देना कम कर दिया और सौम्या के साथ मौज मस्ती में लग गया । सौम्या के लिए गाड़ी बंगला और गहना सब कुछ खरीद कर दे दिया ताकि वो खुश रह सके ।
बर्बाद होने के बाद मालूम होता है कि हम गलती किए हैं।
धीरे धीरे प्यार यहां तक पहुंच गया कि बंसी बिना सोचे समझे सौम्या के हर बात को मानने लगा । सौम्या बंसी से गाड़ी बंगला और गहना तो ले ही लिया लेकिन इसकी नजर बंसी के सारे संपति पर थी । फिर एक दिन बंसी से शादी की बात कह कर उसके सारी संपति अपने नाम करने को कहा ।
बंसी पहले इंकार किया लेकिन सौम्या इंकार सुनकर नाराज हो गई । सौम्या को नाराज देख कर बंसी को रहा नहीं गया । इसलिए ना चाहते हुए भी अपनी सारी संपति सौम्या के नाम कर दिया । लेकिन कुछ दिन बाद सौम्या बंसी से दूर रहने लगी साथ ही साथ उसका बर्ताव भी बदल गया था ।
यहां तक तो ठीक था लेकिन बंसी के दिल में तकलीफ तब हुई जब इसे मालूम हुआ कि सौम्या किसी दूसरे से शादी कर ली और बंसी को पूछने पर इसे पहचानने से भी इनकार कर दी । बंसी अब कही का नहीं रहा । इसके हाथ से प्यार तो गया ही साथ मे सारा संपति भी चली गई । इसी लिए आंख मूड कर किसी पर भरोसा नहीं करना चाहिए ।