
दिखावा : भगवान जब धरती पर लोगों के मन की भावना जाने तब क्या हुआ ।
एक बार भगवान शिव शिव धरती लोक पर घूमने का मन बनाए । तब नंदी को बुलाकर बोले कि नंदी ऐसा करते है कि चलो धरती पर कुछ दिन घूम कर देखते है कि वहां के लोगों का दिनचर्या कैसे कैसे कट रहा है । तब नंदी ने कहा कि हे प्रभु आप तो खुद त्रिलोक पति है आप तो यही से बैठे बैठे सभ देख सकते है ।

तब नंदी की बात सुनकर भगवान शिव मुस्कराते हुए बोले कि ये बात तो सही है लेकिन हम यहां बैठे बैठे बोर हो गए है इसलिए सोचते है कि कुछ दिन के लिए धरती लोक पर जाकर घूम कर देखते है कि वहां पर लोग कैसे कैसे रहते है । फिर नंदी बोले कि ठीक है प्रभु जैसी आपकी मर्जी ।
धरती पर लोगों की मन की भावना जानने के लिए भगवान भी साधारण भेस में ही आना पड़ा ।
फिर नंदी और भगवान शिव दोनों लोग साधारण मनुष्य का रूप बनाकर धरती पर आ गए और घूमते घूमते एक गांव में चले गए । उस गांव में जाने के बाद देखे कि वहां पर एक बहुत बड़ा सेठ था जो कि भगवान शिव का ही बहुत बड़ा मंदिर बनवा रहा था और लोगो से मंदिर निर्माण के लिए चंदा देने की आग्रह कर रहे थे ।
वहा के लोग भी उसे बढ़ चढ़ कर चंदा देकर मैक में अपना नाम एलाउंस करवा रहे थे । तभी ये देख कर नंदी जी भगवान शिव जी से बोले कि प्रभु यहां पर तो आपके एक से बढ़ कर एक बड़े बड़े भक्त है । तब भगवान शिव बोले कि देखने से तो लग रहे लेकिन हकीकत मे क्या है वो तक वक्त बताएगा ।
भगवान भी लोगों की हकीकत जान कर दंग रह गए ।
भगवान शिव और नंदी जी वही पर बैठ कर वहा पर सभ कुछ देख रहे थे । फिर कुछ देर बाद सोच कर वहा के एक व्यक्ति से पूछे कि भाई यहां पर तो बहुत बढ़ चढ़ कर मंदिर बनवाने के लिए लोग चंदा दे रहे हैं । तब वो व्यक्ति बोले कि भाई साहब यहां पर यही तो दिखाना है कि कौन सबसे बड़ा भक्त है ।
तभी वहां पर एक दुखियारी औरत वहां पर आई जिसके बच्चे की बहुत ज्यादा तबियत खराब थी । इसके पास इलाज करवाने के लिए पैसा नहीं थे । ये वहा पर सभी लोगों से मदद मांगी लेकिन किसी ने भी इस की कोई मदद नहीं किया । तब भगवान शिव जी नंदी से कहे कि देख लिए नंदी , यहां पर लोगों के पास सभ दिखावा है बाकी कुछ नहीं । नंदी जी बोले कि हा प्रभु ।