जीवन का सत्य 2 : जीवन का सत्य लोग के भ्रम किस तरह दूर करता है ।

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जीवन का सत्य 2 : जीवन का सत्य लोग के भ्रम किस तरह दूर करता है ।

एक गांव में बिरजू नाम का बहुत बड़ा सेठ था जो कि बहुत मेहनत और दूसरे लोगो से झूठ बोलकर ठगी कर के गरीब से अमीर बन गया था । इसके पास अब हर सुख सुविधा हो गया था । किसी भी चीज की कोई कमी नहीं रह गई थी और इसके लड़का भी अपने पिता के तरह ही बन गया था ।

बिरजू का लड़का भी अपने पिता के तरह लोगो से झूठ बोलकर और धंधे में ठगी कर के और भी ज्यादा पैसा कमाने के चाकर में दिन रात मेहनत करने लगा । लेकिन एक दिन जब बिरजू अपने दोस्त के मैयत में शमशान घाट गया तो उसे एहसास हो गया कि दुनिया में कुछ भी नहीं है लोग जितना भी पैसा कमाले मगर यही रह जाएगा साथ कुछ नहीं जायेगा ।

सत्य का एहसास लोग अपने औलाद को भी समझाना चाहते है ।

बिरजू को जीवन का सत्य मालूम हुआ तो यही बात अपने बेटे को भी समझने की कोशिश किया । लेकिन बिरजू का लड़का ये बात नहीं समझ पाया और उसी तरह से दिन रात मेहनत करता था और लोगो से  झूठ बोलकर ठगी करता था । इसके लिए दिन रात सिर्फ पैसों की भूख लगी रहती थी ।

ये सभ देख कर बिरजू को बहुत तकलीफ होने लगी थी । इसलिए एक दिन साम के समय बिरजू अपने बेटे को अपने पास बुलाया और बोला कि बेटा अब तो हमारा बुढ़ापा आ गया है इसलिए मेरा एक अंतिम इच्छा है उसे पूरा कर देना । ये सुन कर बिरजू का बेटा पूछा कि कैसा इच्छा है पिता जी ।

जीवन का सत्य जानकर लोगों को समझ आ ही जाती है ।

तब बिरजू बोला कि बेटा मेरे मरने पर आज जो मेरे पैर में मोजा है वही पहनाकर मुझे शमशान पर जलाने ले जाना । बेशक उस समय तक फट ही क्यों ना जाय । बिरजू का लड़का बोला कि पिता जी ये कौन सी बड़ी बात है आपको ब्रांड वाला नया मोजा पहना देंगे लेकिन बिरजू बोला कि नहीं यही मोजा पहनाना ।

बिरजू का बुढ़ापा आ गया था और धीरे धीरे समय बीतता गया । फिर कुछ दिन बाद बिरजू की मौत हो गई। तब बिरजू के बेटे को अपने पिता की बात याद आ गई और वो अपने पिता जी की वही पुराना मोजा अलमारी से लेकर आया जो कि फट गया था । वो लाकर बिरजू को पहनाने लगा ये देख कर सभी लोग रोक दिए ।

सभी लोग कहने लगे कि मारने के बाद इंसान को कफन के सिवाय कुछ भी नहीं पहनाया जाता । ये बात सुन कर बिरजू का लड़का बहुत सोच में पड़ गया और सोचने लगा कि इतना मेहनत कर के लोगों को ठग कर पैसा कमाने से क्या फायदा जो कि मारने के बाद साथ में कुछ भी नहीं जा सकता । बिरजू का लड़का उस दिन से सुधार गया और लोगों को ठगना और झूठ बोलना छोड़ दिया । वो जान गया कि मेरे पिता शायद यही समझाना चाहते थे ।

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