
एक गांव में धनु नाम का लड़का था । उसके पिता एक किसान थे । वो गांव के ही एक स्कूल में पढ़ाई कर के अपने पिता के साथ खेती बारी का काम भी किया करता था । धनु अपने मा बाप का एकलौता संतान था । फिर भी इसके आस पास के लोग इसके सुख दुख में हमेशा साथ दिया करते थे ।
गांव के सभी लोग काफी मिल जुल कर रहते थे । धनु को जब भी कोई काम रहती थी तो आस पास लोग उसको हमेशा मदत किया करते थे । उसके पिता एक दिन एक अच्छी सी लड़की देखकर इसकी शादी भी करवादी । ताकि घर में करने के लिए कोई रहे । क्यों कि धनु के मां की तबियत हमेशा खराब रहती थी ।

पत्नी की जिद पति को मजबूरी में पूरा करना ही पड़ता है ।
धनु की पत्नी अपनी शादी देहात में होने पर हमेशा दुखी रहती थी । इसलिए शादी के कुछ दिन बाद ही धनु से कहने लगी कि आप गांव को छोड़ कर शहर में जा कर नौकरी करिए और मुझे भी अपने साथ ले चलिए । क्यों कि मुझे इस गांव में मन नहीं लगता । वैसे भी इस गांव में रखा ही क्या है ।
धनु अपनी पत्नी को बहुत समझाने की कोशिश किया कि हम अपने बूढ़े मा बाप को छोड़ कर कैसे जाए । लेकिन धनु की पत्नी जिद करने लगी कि गांव पर रहने से हमारी जीवन बर्बाद हो जाएगी । वहा चलकर आप अच्छा पैसा कमाएंगे । धनु अपनी पत्नी के जिद पर अपना मन बना लिया और पत्नी को साथ लेकर शहर में चला गया ।
आखिर समझ में आ ही गई कि शहर और गांव में क्या अंतर है ।
धनु शहर में किराए का एक छोटा रुम लेकर अपने पत्नी के साथ रहने लगा और कंपनी में काम करने लगा । कुछ दिन बाद एक दिन धनु की तबियत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी । धनु की पत्नी कई लोग से मदत मांगी लेकिन किसी ने भी मदद नहीं की । तब धनु अपने पत्नी से कहा कि देख लिया शहर और गांव में कितना अंतर है । गांव में हर लोग एक दूसरे की मदत करते थे ।
मगर यह कोई पूछने वाला नहीं है । गांव में खुद का अपना बड़ा मकान और खेत खलिहान है । रहने की कोई दिक्कत नहीं है , मगर शहर में छोटा सा एक रुम के लिए ज्यादा पैसा देना पड़ता है । यहां तक कि पानी भी खरीद कर पीना पड़ता है । धनु के बीबी बात को समझ गई और फिर से धनु के साथ अपने गांव पर आ गई । बोली कि सबसे अच्छा अपना गांव ही है ।