
एक गांव में एक भीम नाम का साहूकार रहते था । उसके तीन लड़के थे । जिसका नाम मनु, सोनू और भोलू था । मोनू और सोनू बहुत तेज तरार थे । ये दोनों अपने पिता के साथ बिजनेस चलाया करते थे । लेकिन भोलू सच मुच का भोला था । ये अपने पिता के बिजनेस से ज्यादा पूजा पाठ पर ध्यान दिया करता था ।
साहूकार के सरसों तेल की बहुत बड़ी मिल थी । ये तेल पेराई कर के थोक और खुदरे में भी सेलिंग किया करते था । इसका मार्केट में काफी नाम हो जाने के कारण दो नंबर का तेल बेचने लगे थे । मोनू और सोनू भी अपने पिता के तरह मार्केट में झूठ बोल कर अपना बिजनेस चला रहे थे ।

परिवार वाले भी सच्चे भक्त के भक्ति को नहीं समझ पाते है ।
सोनू और मीनू झूठ बोल कर बिजनेस से बहुत पैसा कमा लिए थे । लेकिन भोलू सीधा साधा और कभी भी झूठ नहीं बोलता था । ये भगवान विष्णु का सच्चा भक्त था । भोलू रोज सुबह मंदिर में जाकर भगवान विष्णु का पूजा पाठ किया करता था । पूजा पाठ कर के भगवान को बिना भोग लगाए कुछ खाता भी नहीं था ।
सोनू और मीनू बड़े थे , इसलिए इसके पिता दोनों की शादी कर दी । भोलू सबसे छोटा था इसलिए इसके शादी में अभी समय था । एक बार भोलू के सच बोलने की वजह से बिजनेस में काफी नुकसान हो गए थे । इसलिए इसके पिता और दोनों भाई मिलकर भोलू को घर से निकाल दिए ।
भगवान किस तरह अपने भक्त का दुख दूर करते है ।
भोलू भगवान विष्णु पर भरोसा कर के घर से निकल गया और दर दर की ठोकर खाते हुए बहुत दूर निकल गया । काफी परेशानियों की सामना करनी पड़ी लेकिन भोलू भगवान की भक्ति करना नहीं छोड़ा । भोलू की सत्यता और अपार भक्ति भावना से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न हुए ।
भगवान विष्णु प्रसन्न होकर भोलू का दुख दूर कर दिए । भोलू जहां ठहरा था यही के रहने वाले बहुत बड़ा सेठ थे । उसकी एकलौती लड़की रेणु भगवान की कृपा से भोलू के पास से जा रही थी और वो भोलू को देख कर उसपे फिदा हो गई । फिर अपने पिता से कह कर उससे शादी कर ली । भोलू उस दिन से ऐसों आराम से जीवन बिताने लगा ।