महल की रानी : निगाहे हमेशा सुंदरता को देखना चलती है ।

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एक किसान का लड़का जिसका नाम रतन था । वो अपने पिता के साथ मिलकर सब्जी का खेती किया करता था । इसके पिता खेत में काम करते थे और रतन अपने खेत से सब्जी तोड़ कर मार्केट में या फिर गांव गांव में घूम कर बेचा करता था । इससे वो अच्छा पैसा कमा लेता था ।

एक बार की बात है कि रतन के खेत में उस दिन सब्जी बहुत ज्यादा निकाल गई थी । वो सारे सब्जी को गाड़ी में लाद कर मार्केट में ले गया और उन सारे सब्जियों को बेचने की बहुत प्रयास किया। लेकिन कुछ सब्जी बच जाने के कारण रतन उन सब्जियों को हरि पुर गांव में बेचने निकल गया ।

छत पर बैठी पारी की तरफ लड़की देख कर रतन मक्त हो गया ।

रतन हरिपुर में घूम घूम कर सब्जी बेच रहा था । तभी अचानक उसकी नजर एक छत पर बैठी लड़की पर पड़ी । वो दूध की तरह गोरी थी और लाल ड्रेस पहनी हुई थी । रेशम के जैसे बिखरे बाल हवा के झोको से उसके गालों पर आ रही थी । जैसे कि स्वर्ग से उतरी कोई पारी उस छत पर बैठी हो ।

रतन उसे देखा तो देखता ही रह गया । फिर कुछ देर बाद वो लड़की छत से उतर कर घर में चली गई । रतन को  उसका इंतजार करते करते साम हो गई । लेकिन वो फिर से दुबारा दिखाई नहीं दी । अंत में रतन निराश होकर अपने गांव आ गया और पूरी रात उसी के ख्याल में खोया रहा ।

आखिर दिल की चाहत एक दिन पूरा हो ही गया ।

अगले दिन रतन सब्जी लेकर फिर से उसी गांव में गया ।फिर सब्जी बेचते बेचते उस लड़की के घर के सामने खड़ा होकर उसका इंतजार करने लगा । उस दिन भी वो दिखाई नहीं दी । रतन फिर से निराश होकर घर लौट आया । इसी तरह उस लड़की के एक झलक पाने के लिए रतन प्रति दिन जाता रहा ।

एक दिन फिर रतन सब्जी बेचने के बहाने उसके घर के सामने उसका इंतजार कर रहा था । तभी अचानक वो लड़की रतन के पास सब्जी खरीदने आई । रतन उसे देख कर बहुत हुआ । जैसे कि उसके नजर को बरसो का प्यास बुझ गई हो । रतन उसके तारीफ करते हुए अपने दिल की सारी बात बता दी । वो मुस्करा कर अपना नंबर देकर घर में चली गई । रतन उससे अब रोज प्यार भरी बात करने लगा ।

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