जो दिल को भाए : रिश्ता उसी से चलता है जिससे दिल का रिश्ता होता है ।

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ये एक प्यार भरी हिंदी कहानी है , जिसमें की अजय नाम का एक लड़का था जो कि अपने पिता के मौत के बाद अपने छोटी बहन और मां की जिम्मेदारियां अब इसपर ही पड़ गई । इसके मा की तबियत भी बहुत खराब रहती थी और बहन भी शादी के लायक होने लगी थी । इसलिए घर की जिम्मेदारी के कारण अजय अपना पढ़ाई छोड़ कर मजदूरी करने लगा ।

एक दिन अजय एक जमींदार के बगीचे में मिटी खुदाई का काम कर रहा था । उस जमींदार की एक बेटी थी जिसका नाम खुशबू है वो उस बगीचे में आम तोड़ने आई थी । तभी अचानक एक सांप ने खुशबू को काटने के लिए आ रहा था । खुशबू भागने लगी , तभी अजय ने उसे देख लिया और सांप को मार कर खुशबू की जान बचा ली ।

प्यार अमीरी गरीबी का सारे बंधन तोड़ देती है ।

खुशबू उस दिन से अजय को चाहने लगी और अजय भी उसे प्यार करने लगा । लेकिन खुशबू एक जमींदार की बेटी थी इसलिए अजय उसे प्यार करने से मना करने लगा । लेकिन खुशबू नहीं मानी और अजय को बिस्वास दिलाई कि भले हम जमींदार की बेटी है । लेकिन हम तुम्हे प्यार में कभी धोखा नहीं देंगे ।

अजय उसके  बात को मान लिया , फिर दोनों में बहुत गहरा प्यार हो गया । दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे । दोनों को उसी बगीचे में रोज मुलाकात होती थी । इस बात की खबर पूरे गांव वाले को हो गई , फिर उस जमींदार को भी हुआ तो बहुत क्रोधित हुआ ।

सारे बंधन तोड़ कर दो दिल मिल ही जाते है।

जमींदार उस अजय को बहुत मारा और एक अच्छा सा लड़का देख कर खुशबू की शादी करा दी । लेकिन खुशबू के दिल में सिर्फ अजय ही था । इसलिए शादी के पहले दिन ही दूल्हे से अपने और अजय के प्यार के बारे में सभ कुछ बता दिया कि बेशक आपसे शादी हुई है । लेकिन हम अजय के बिना नहीं रह सकते हैं ।

दुल्हा ये सभ बात सुनकर और उसके प्यार को समझते हुए खुशबू को अपने शादी के रिश्ते से आजाद कर दिया । फिर अजय को बुलाकर उसे कुछ संपति देकर जमींदार के काबिल बना दिया और फिर दोनों की शादी करवा दी । जमींदार इसका कारण पूछा तो दुल्हा बोला कि रिश्ता वही जो दिल को भाए ।

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