त्रिया चरित्र : एक औरत का चरित्र कब क्या हो जाए किसी को पता नहीं ।

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यह एक प्रेरक हिंदी कहानी है जिसमें की , राजन नाम का एक व्यक्ति था जो कि अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता था । उसकी पत्नी का नाम सुनैना था और वो अपनी पत्नी के खुशी के लिए दिन रात मेहनत कर के उसके हर जरूरत , हर खुशी को पूरा करता था । उसकी खुशी के लिए वो अपने आप पर भी ध्यान नहीं दिया करता था

सुनैना बहुत ही खूब सूरत और एक चंचल स्वभाव की औरत थी । उसे अपने पति के गरीबी और मजबूरी से कोई मतलब नहीं था , उसे तो बस अपना सौंख पूरा होना चाहिए । राजन की पत्नी अपनी मीठी मीठी बातों से राजन को भरमा कर रखी थी लेकिन प्यार वो एक दूध वाले सोनू नाम के लड़के से करती थी ।

औरत अपनी बात से किसी को भी भरमा सकती है ।

सुनैना अपने पति राजन को घर से बाहर जाने के बाद सोनू को घर पर बुला कर भेट किया करती थी । इस बात की खबर राजन को नहीं थी , क्यों कि उसकी बीबी उसे कभी भी महसूस ही नहीं होने दिया । राजन को अपनी पत्नी पर बहुत बिस्वास था कि वो उसे कभी भी धोखा नहीं देगी ।

तभी एक दिन राजन किसी काम से बाहर गया था और उसकी पत्नी सुनैना सोनू को घर पर बुला कर भेट कर रही थी । तभी अचानक राजन का भांजा किसी काम से वहा आया और अपनी मामी को सोनू के साथ देख कर चकित हो गया । सोनू उसे देख कर भाग गया लेकिन राजन का भांजा बोलने लगा कि हम मामा से कहेंगे ।

पत्नी की सच्चाई जानकर पति बहुत दुखी हुआ ।

ये सुन कर सुनैना घबरा गई और राजन को खुद बुला कर बोली कि आपका भांजा मुझे अकेला देखकर मेरे इज्जत पर हाथ डाल रहा था । उसका भांजा सच्चाई बताने की बहुत कोशिश किया , लेकिन राजन अपनी पत्नी के बातों पर बिस्वास कर के अपने भांजे को बहुत मारा और घर से भगा दिया ।

लेकिन कुछ दिनों के बाद राजन जब बाहर गया था और अचानक घर आया तो अपनी पत्नी को सोनू के साथ आपत्ति जनक हालत में देख कर दंग रह गया । वो उसी समय अपनी पत्नी को घर से निकल दिया और उस दिन अपने भांजे के बात को ना मान कर अबसोस करने लगा और कहने लगा कि औरत के हर बात पर बिस्वास भी नहीं करनी चाहिए ।

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