गोलू और भूत : बच्चों के साथ भूत भी क्यों मस्ती करना चाहते है ।

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यह एक बच्चों की हिंदी कहानी है , जिसमें की एक गांव में गोलू नाम का एक छोटा सा लड़का रहता था , जो कि बचपन से ही उसकी मां नहीं थी । इसके पिता राम मोहन अपनी पत्नी के मरने के बाद , गोलू को देख भाल करने के लिए वो अपनी दूसरी शादी कर लिया । ताकि गोलू अभी छोटा है इसे अपनी मां की कमी महसूस ना हो ।

गोलू की सौतेली मां कुछ दिन तक तो बहुत अच्छी तरह से देख भाल कि , लेकिन जैसे ही उनकी खुद की संतान हुआ । वो गोलू के साथ अपना सौतेली जैसा व्यवहार करना चालू कर दिया । वो उसे बात बात पर डांटने और मारने लगी , यहां तक कि घर का सारा काम करवाकर उसे दिन भर भूखा ही रख देती थी ।

बच्चे को रोता हुआ देख कर भूत को भी दया आ गई ।

गोलू अपने पिता से इस बात का शिकायत करता भी था तो वो इस बात को नहीं मानते थे । एक दिन गोलू अपनी सौतेली मां से खाने के लिए मांगा तो वो इसे छड़ी से पीट पीट कर घर से निकाल दिया ।  गोलू एक पीपल के पेड़ के पास बैठ कर भूखा पेट रो रहा था और रोते रोते अपना आंख लाल कर लिया था ।

उसी पीपल के पेड़ पर एक सरजू नाम का भूत बैठा था ।  जो कि गोलू को रोता हुआ देख कर उसे दया आ गई और अपने जादू से एक चाकलेट का पॉकेट लेकर गोलू के पास आ गया । फिर गोलू से दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए चाकलेट खाने को कहा । गोलू सामने भूत को देख कर डर गया ।

सरजू भूत गोलू के साथ दोस्ती कर लिया और मस्ती किया ।

गोलू को डरता देख कर भूत बोला कि डरो मत हम सरजू भूत है और आज से हम आपका दोस्त है । आज से तुम्हे कुछ भी चाहिए तो हम तुम्हे देंगे । हम दोनों साथ में खूब खेलेंगे और खूब मस्ती करेंगे । गोलू खुश हो गया, फिर बोला कि मेरे साथ एक दिक्कत है कि हमारी सौतेली मां मुझे खूब मारती है और घर का सारा काम करवाती हैं ।

गोलू का बात सुनकर भूत बोला कि तुम चिंता मत करो आज से तुम्हारे सौतेली मां को हम सबक सिखाएंगे । गोलू खुश होकर चॉकलेट खाते हुए भूत के साथ खूब खेलते हुए मस्ती करने लगा । भूत भी उस दिन से गोलू के सौतेली मां को कोई ना कोई बहाना गिरा कर हवा में डंडे से मार कर सबक सिखाने लगा ।

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