पिता का प्यार : एक पिता अपने बेटी को बचाने के लिए शेर से भी लड़ सकता है ।

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यह एक हिंदी कविता कहानी है जिसमें की एक गांव में सरजू नाम का एक किसान रहता था , जो कि बहुत ही गरीब और बहुत मेहनती था । उसकी एक नौ साल की लड़की थी जो कि काफी सुंदर और चंचल थी । सरजू अपनी लड़की से बहुत प्यार करता था इसलिए प्यार से उसका नाम पारी रखा था ।

पारी गांव के ही एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई करती थी और वो पढ़ने में ठीक भी थी । सरजू इतना गरीब था कि अपने बेटी को गांव के बाकी लड़कों के जैसा अच्छे स्कूल में नहीं पढ़ा सकता था । वो अपने परिवार को चलाने के लिए गांव में ही कुछ खेती बारी का काम करता था ।

अपने बेटी को मुसीबत में देख कर एक पिता कैसे चुप रह सकता है ?

एक दिन सरजू अपने खेत में काम करने के लिए गया था और उसकी बेटी परी अपने मोहल्ले के कुछ दोस्तो के साथ खेल रही थी । क्यों कि उस दिन संडे था, तभी पारी की मां उससे बोली कि बेटी खाना खा कर अपने पिता के लिए भी खेत पर खाना तेरे जाओ । पारी खाना खा कर अपने पिता के लिए खाना लेकर जाने लगी ।

खेत जंगल के पास में था और पारी हस्ते खेलते हुए अपने पिता के पास खेत पर पहुंचने ही वाली थी । तभी एक शेर जंगल से निकल कर घूम रहा था तभी वो पारी को देख कर दौड़ते हुए आने लगा । पारी भी अपने पिता को आवाज लगाते हुए भागने लगी , सरजू भी अपनी बेटी के पीछे शेर देख कर दौड़ते हुए आने लगा ।

अपने बेटी के लिए शेर से लड़ते देख कर सारे लोग दंग रह गए ।

शेर उछल कर ज्यों ही पारी पर हमला किया उसी समय सरजू अपनी बेटी का जान बचाने के लिए शेर पर हमला कर दिया । फिर शेर और सरजू में काफी देर तक कुश्ती हुआ , तभी पास के कुछ किसान सरजू को शेर से लड़ते हुए देख कर डांटा और कुदार लेकर दौड़ते हुए आ गए । शेर भी बहुत सारे लोग को देख कर वहा से भाग गया ।

शेर को जाते ही सरजू अपने बेटी को गोद में लेकर गले लिपट गया फिर किसी ने पूछा कि तुम अकेला ही शेर से कैसे लड़ गए । तब सरजू बोला कि मुझमें शेर से लड़ने की तागत नहीं है लेकिन अपनी बेटी को मुसीबत में देख कर एक पिता शेर तो क्या , वो अपने देती को बचाने के लिए यमराज से भी लड़ सकता है ।

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