मजबूरी में दूरी  : दो प्यार करने वालो में कोई मजबूरी होती है जो दूर कर देती है ।

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यह एक हिंदी प्यार भरी कहानी है जिसमें की सुरभि नाम की लड़की और प्रताप नाम का एक लड़का दोनों आपस में बहुत प्यार करते थे । लेकिन दोनों की चाहत अभी पूरी नहीं हुई , दोनों चाह कर भी कभी एक दूसरे से नहीं मिल पाते थे । क्यों कि दोनों के घरवालों में आपसी दुश्मनी चल रही थी और दुश्मनी भी ऐसी थी कि दोनों एक दूसरे के जान के प्यासे बने थे ।

इन दोनों को प्यार भी कुछ इसी हालात में हुआ था । क्यों कि एक दिन प्रताप के चाचा और सुरभि के पिता में लड़ाई हुई , जिसमें कारण दोनों का सर फट गया था । दोनों इलाज करवाने हॉस्पिटल गए थे । प्रताप भी अपने चाचा के साथ और सुरभि अपने पिता के साथ हॉस्पिटल पहुंचे थे । इसी दौरान उन दोनों में प्यार हो गया था ।

दो दीवाने का दिल किसी भी हालात में मिल जाता है ।

दोनों में प्यार तो हो गया था , लेकिन दोनों के मन की चाह कभी पूरा नहीं हो पाती थी । दोनों एक दूसरे से मिलने के लिए तड़पते रहते थे , बस दोनों एक दूसरे को दूर से ही देख कर अपने दिल को तसल्ली दिया करते थे और घर वालो से छुप कर कभी कभी फोन पर बात कर लिया करते थे ।

एक दिन दोनों अपने अपने घरवालों की दुश्मनी से तंग आकर आपस में भाग कर शादी करने का फैसला किया और घर से निकल भी गए । स्टेशन पर जाकर दोनों गाड़ी का इंतजार कर रहे थे , तभी सुरभि के पिता दोनों को देख लिए । फिर सुरभि के पिता प्रताप को बहुत मार मारे और सुरभि को लेकर घर आ गए ।

हालात के कारण प्यार कभी पूरा नहीं होता ।

इधर प्रताप के घरवाले भी इसके पिटाई पर बहुत गुस्सा हुए और लाठी डंडा लेकर सुरभि के घर पर पहुंच गए । दोनों परिवार में खूब जम कर मार हुई । इस लड़ाई मे किशी का हाथ टूटा तो किसी के पैर । बात इतनी बिगड़ गई कि दोनों परिवार वाले को पुलिस जेल में लेजाकर बंद कर दिया ।

इस वजह से दोनों के मन में अपने परिवार को लेकर डर बैठ गया कि कही हम दोनों के प्यार की वजह से कोई अनहोनी न हो जाए । फिर कुछ दिन बाद जब दोनों के परिवार वाले जेल से छूट कर आए तो सुरभि के पिता एक अच्छा सा लड़का देख कर सुरभि की शादी करवा दिए और इसी कारण दोनों का प्यार अधूरा रह गया ।

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