
यह एक हिंदी बच्चों की कहानी है जो कि, एक गांव में गोलू नाम का एक लड़का रहता था जो कि बहुत शरारती था उसके शरारती से उसके माता पिता हमेशा दुखी रहते थे कि कही ये अपनी शरारती की वजह से कोई नुकसान ना पहुंचादे । वो जिस स्कूल में पढ़ता था उसके साथ में पढ़ने वाले कुछ दोस्त थे , जो कि इसके जैसा ही शरारत करते थे।
उसी स्कूल में सोनू नाम का भी एक लड़का था, जो कि बहुत ही शांत और सीधा शाधा लड़का था । सोनू अपने क्लास के बाकी लड़कों के तरह शरारत और झगड़ा नहीं करता था । वो सभी शरारती बच्चों से हट कर अकेला ही रहा करता था , इसी लिए सारे बच्चे इसे बुधु और अनाड़ी समझते थे ।

कुछ लड़के ऐसे होते है जो कि दूसरे का मजाक उड़ते हैं ।
एक दिन स्कूल के तरफ से बच्चों को टूर पर घूमने और पिकनिक मनाने का प्लान बना , जिसमें की सारे बच्चे जाने को तैयार हो गए । रास्ते में गोलू अपने दोस्तों के साथ शरारत करते हुए और सोनू को चिढ़ाते हुए जा रहे थे , लेकिन सोनू बिना शरारत का और बिना किसी को जवाब दिए चुप चाप जा रहा था ।
स्कूल की गाड़ी अलग अलग जगह पर बच्चो को घुमाए , जिसमें की सारे बच्चे खूब मस्ती किए । रास्ते में जगह जगह पर रुक कर पिकनिक मनाते हुए जंगल घूमने चले गए । जंगल में एक जगह गाड़ी खड़ी हो गई , फिर सारे बच्चे शरारत करते हुए जंगल में घूम कर जंगल के नजारे देखने लगे ।
सोनू ने अपनी बुद्धिमानी से सबका जान बच्चा लिया ।
घूमते हुए सारे लोग जंगल के काफी अंदर तक चले गए थे । वहा के सारे पशु पंछी को गोलू और उसके दोस्त अपनी शरारत में पत्थर मार कर मस्ती कर रहे थे । फिर एक जगह शेर बैठा था तभी गोलू और उसके साथी उसे भी पत्थर मार दिए , शेर गुस्से में गोलू और उसके साथी को खाने के लिए दौड़ गया ।
वो सभ चिल्लाते हुए भागने लगे और वहा सारे बच्चों में शेर के डर से भगदड़ मच गई । तभी सोनू ने उसी समय अपना दिमाग लगाया और अपना शर्ट डंडे में बंध कर जला दिया और शेर के सामने उस आग को दिखाने लगा । शेर आग के डर से भाग गया फिर सोनू की चालाकी हिम्मत को देख कर सारे बच्चे और टीचर उसे शबाशी देने लगे ।