
वफादार : जानिए कि वफादारी का मतलब पिया होता है ।
यह एक हिंदी प्रेरक कहानी है जिसमें की एक गांव में धनु नाम का एक लकड़हारा रहता था जो कि दिन भर जंगल में जाकर पेड़ से सुखा लकड़ी काट कर शहर और गांव में घूम घूम कर बेचा करता था । धनु के दो लड़के थे , जो कि धनु के बहुत लाडले थे । धनु दिन रात मेहनत कर के अपने बेटे को हर खुशी पूरा देता था ।

एक दिन धनु लड़की काटने जंगल में गया था और उधर से लौटते समय अचानक उसकी नजर एक गधे पर पड़ी , जो कि पूरी तरह से घायल होकर जमीन पर पड़ा था । धनु तुरंत घायल पड़े गधे के पास गया और उसे प्यार से सहलाने लगा । फिर कुछ आयुर्वेदिक पेड़ के पत्ते मसल कर गधे के जख्म पर लगा दिया ।
प्यार पाकर जानवर भी वफादार हो जाते है ।
धीरे धीरे कुछ देर के बाद गधा को कुछ राहत मिली तो खड़ा हो गया , फिर धनु उसे घास लाकर उसे खाने को दिया और पत्ते को जोड़ कर नदी से कुछ पानी लाकर उसे पिलाया । कुछ देर बाद धनु गधे को सर पर प्यार से हाथ फेर कर और अपने सर पर लकड़ी का गुच्छा ले कर अपने घर के रास्ते चल दिया ।
धनु के पीछे पीछे गधा भी उसके घर पहुंच गया , लेकिन धनु को इस बात की खबर नहीं थी । घर पहुंचने पर देखा कि गधा भी उसके पीछे आ गया है तो धनु कुछ घास और अनाज खिलाकर सोचा कि इसे फिर से लौटा दे ताकि वो अपने मालिक के या चला जाए लेकिन वो नहीं गया इसलिए धनु उसे अपने यहां ही रख लिया ।
जब अपने साथ छोड़ देते हैं तो बहुत तकलीह होता हैं ।
कुछ दिन बाद धनु उस गधे को अपने साथ जंगल में लेकर जाने लगा और लकड़ी काट कर अब उसी पर ढोने लगा । गधे के वजह से धनु को भी अब आराम मिलने लगा और गधा भी धनु भी शायद उसके जख्म का इलाज और प्यार पाकर धनु से उसे लगाए हो गया था । इसलिए वो भी साथ नहीं छोड़ता था
कुछ दिन बाद धनु के दोनों लड़के बड़े हो गए और धनु उन दोनों का शादी कर दिया , लेकिन शादी होने के बाद दोनों लड़के अपने पिता को छोड़ कर दूसरे जगह चले गए । लड़कों को छोड़ने पर धनु को बहुत दुख हुआ और वो यही सोचने लगा कि इंसान से अच्छा तो ये गधा है जो कि थोड़ा सा प्यार पाकर मेरा साथ नहीं छोड़ा और औलाद को जीवन भर प्यार दिया लेकिन वो आज छोड़ कर चले गए ।