चुड़ैल की नफरत  :  चुड़ैल अगर बदले की भावना में हो तो क्या कर सकती है ।

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यह एक बच्चों की हिंदी कहानी है जैसे कि एक गांव में एक खंडहर मकान था , वही पर एक बैर का पेड़ था और उस पेड़ पर एक चुड़ैल रहा करती थी । उस पेड़ पर बहुत अच्छे अच्छे पक्के बैर लगे हुए थे , जिसे देख कर किसी को भी खाने को मन कर देगा । खास तौर पर बच्चे उसे देख कर खाने के लिए और भी ज्यादा तरसने लगते थे ।

तभी एक दिन कुछ लड़के खेलते हुएं उस खंडहर के अंदर चले गए और उस पेड़ से पक्के बैर तोड़ने लगे । बैर को तोड़ते देख उस पेड़ की चुड़ैल उस बच्चे को गायब कर दी , बच्चे को गायब होने से गांव में खलबली मच गई । सभी बच्चों के मा बाप तलाश करते हुए पुलिस कमलों किए , लेकिन बच्चे नहीं मिले ।

चुड़ैल की प्रकोप से गांव वाले भयभीत हो जाते है ।

तभी किसी ने एक तांत्रिक से उस बच्चों को गायब होने की बात कही । तांत्रिक ने अपने कुटिये में बैठे कर मंत्र पढ़ कर अपने तांत्रिक विद्या से पता करने लगा । बच्चे उस खंडहर में चुड़ैल के कैद में हैं ये देख कर , तांत्रिक गांव वालो के लेकर वहा पहुंचा और मंत्र पढ़ कर उस बैर के पेड़ पर जल छिड़कने लगा ।

मंत्र का जल छिड़कते ही पेड़ जोर जोर से हिलने लगा , सारे गांव वाले चकित हो गए । फिर से तांत्रिक ने मंत्र पढ़ कर जल छिड़का और बोला कि बाहर आओ । तभी बहुत जोर से हवा बहने लगी और ये पेड़ से आवाज लगाते हुए एक चुड़ैल बाहर आ गई । चुड़ैल को देख कर गांव वाले डरने लगे , लेकिन तांत्रिक सभी को डरने से मना किया ।

तांत्रिक किस तरह चुड़ैल की भय से सबको मुक्त कराया ।

तांत्रिक ने उस चुड़ैल से बच्चों को लाने के लिए कहा तो चुड़ैल बच्चों को देने से मना कर दिया , फिर तांत्रिक ने पूछा कि तुम ऐसा क्यों करती हो । तब चुड़ैल ने कहा कि मैं जब जिंदा थी तो मेरा भी एक लड़का था और वो कुछ लड़कों के कहने पर बैर तोड़ने आया था , फिर इसी बैर के पेड़ से गिर कर मर गया था ।

बेटे के बियोग में मै भी मर गई और तब से यहां जो भी लड़के आते है , उसे मै गायब कर देती हूं । तांत्रिक सहानभूति देते हुए उसे बहुत समझाया , फिर वो चुड़ैल बच्चों को बाहर निकाली लेकिन अपने चंगुल में रखी थी ।  तांत्रिक उसे छोड़ने को बोला लेकिन वो नहीं छोड़ रही थी , तभी तांत्रिक मंत्र पढ़ कर जल छिड़का और वो चुड़ैल जल कर राख हो गई , फिर सारे बच्चे अपने मा बाप के पास चले गए ।

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