हरि पुर गांव में एक बहुत बड़ा पेड़ था (Naughty Kids and Witches) ,उसी पेड़ पर एक चुड़ैल रहा करती थी, मगर उस बात की किसी को खबर नहीं थी । वहीं पर एक खाली मैदान भी था , जहा पर छोटे छोटे बच्चे जाकर खेला करते थे। बच्चों भी इस बात से बेखबर थे कि उस पेड़ पर चुड़ैल रहती है ।
बच्चे रोज सुबह साम अपने उमंग में फुटबॉल या क्रिकेट खेला करते थे। चुड़ैल भी उन बच्चो को उत्साह से खेलते हुए देख बहुत खुश होती थी। फिर एक दिन चुड़ैल अपनी खुशी जाहिर करती हुई उन बच्चो के साथ खेलने आ गई , मगर कुछ शैतान बच्चों ने कही से चाकू पाकर उस चुड़ैल के सर का बाल छिल कर भाग गए।

चुडैल बच्चों के शरारत से बहुत क्रोधित हुई

बच्चों के इस शरारत से चुड़ैल बहुत क्रोधित हुई और उस दिन से जो भी लड़का वहा खेलने आता था, चुड़ैल उसका नुकसान पहुंचाने चालू कर दी । कभी किसी का पैर तोड़ देती थी तो कभी किसी का हाथ और कभी कभी तो किसी बच्चे का हाथ पैर ही टेढ़ा कर देती थी। इस वजह से वहा पर सारे बच्चे खेलना छोड़ दिया ।
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ये सब करने के बाद भी चुड़ैल का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ , फिर वो बच्चों के बाद वहा से आते जाते लोगो का भी नुकसान करना शुरू कर दिया । इस वजह से अब पूरे गांव वालों में अब डर का माहौल बन गया, लोग उसके दहशत से छुटकारा पाने के लिए एक साधु बाबा के यहां पहुंच गए ।
साधु बाबा के वजह से सबको चुड़ैल के क्रोध से छुटकारा मिला।
सारे गांव वाले साधु बाबा से इस समस्या के बारे में बताए , साधु बाबा गांव वालो के बात को सुन कर बहुत चिंतित हुए और अपना झोला कमंडल लेकर उस पेड़ के पास पहुंच गए। साधु बाबा कमंडल से जल लेकर मंत्र पढ़ कर उस पेड़ पर छिड़कने लगे, मंत्र के काफी प्रभाव पड़ने पर वो चुड़ैल सामने आई ।
चुड़ैल की असली रूप (Naughty Kids and Witches) देख कर सारे गांव वाले घबरा गए , फिर साधु बाबा उस चुड़ैल से पूछे कि तुम लोगों को क्यों नुकसान पहुंचाती ही। तब चुड़ैल उसका कारण बताई , साधु बाबा और गांव वाले उससे माफी मांगे लेकिन वो नहीं मानी। तब साधु बाबा मंत्र पढ़ कर जल छिड़का कर उस चुड़ैल को जला कर भस्म कर दिए , फिर गांव वाले उस दिन से उस चुडैल के भय से मुक्त हो गए और बच्चों को भी किसी के साथ ऐसी शरारत ना करने की सलाह दिए ।