
रूसी पुर गांव में भानु नाम का एक सेठ रहा करते थे, जिनके दो लड़के थे और वो पढ़ाई पूरी कर के सहर में एक अच्छे कंपनी में नौकरी भी कर रहे थे । भानु सेठ को अपने लड़के के शादी के लिए एक अच्छी संस्कारी बहु ” Cultured Daughter-in-law “की तलाश थी, जो परिवार का देख रख कर के सबका सम्मान करे ।
वैसे तो शादी के लिए कई सारे लड़कियों का रिश्ता आया, लेकिन भानु सेठ को कोई लड़की पसंद नहीं आ रही थी। क्यों उन सभी लड़की तो में संस्कारी गुड़ नहीं दिख रहा था, फिर कुछ रिश्ते रिलेशन के लोगों का भी दबाव पड़ा तो अंत में भानु सेठ को अपने बड़े बेटे का शादी शांति नाम की लड़की से करना पड़ा।

संस्कार हीन बहु पाकर अक्सर ऐसा होता है कि लोगो के मन मे खुशि खत्म हो जाती है।
बड़ी बहु आते ही घर में खुशिया और चहल पहल थी, लेकिन ये खुशि ज्यादा दिन तक नहीं रही। भानु सेठ को अपनी बहु का रहना सहन देख कर मन दुखी होने लगा, क्यों कि वो घर में किसी का भी सम्मान नहीं करती थी। उसके पहनावा भी मॉडल की तरह था और अगर कोई समझाए भी तो उसे उल्टा जवाब देती थी ।
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अपने बहु के संस्कार को देख कर भानु सेठ और उसकी पत्नी बहुत चिंता में रहने लगे, क्यों कि जो उम्मीद अपने बहु से सोचे थे , वो उसमें नहीं दिख रही थी। यही सभ सोच कर अपने छोटे बेटे की शादी को लेकर थी, लेकिन अपने मन के उम्मीद को छोड़ कर छोटे बेटे का भी शादी करवा दिए।
एक सुशील और संस्कारी बहु पाकर लोगो का खुदिया बढ़ जाती है।
घर में छोटी बहू को आने से भानु सेठ पहले जैसा ही उम्मीद था , क्यों कि बड़ी बहु के कारण अब उसका सारा उम्मीद टूट गया था । उसका संस्कारी बहु ” Cultured Daughter-in-law ” का चाह खत्म हो गया था , यही सोच कर रात को खाना का कर सो गया, लेकिन सुबह में जब उसका नींद खुली तो जो देख वो बिस्वास नहीं हो रहा था।
छोटी बहू सुबह सबसे पहले जगी कर अस्नान करने के बाद पूजा पाठ की , फिर अपने चेहरे पर घूंघट लिए सभी बड़ों का पैर छू कर सबके लिए चाय नाश्ता लाई, आवाज भी उसकी मधुर थी। ये सभ देख कर भानु सेठ का मन खुश हो गया, उसका सपना पूरा हो गया कि कम से कम उसकी छोटी बहू संसाकी मिली हैं।