इंतजार : दिल में प्यार तो होता है लेकिन

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इंतजार : दिल में प्यार तो होता है लेकिन

राम पर नाम का एक गांव था जिस गांव में संजय नाम का ये गरीब लड़का था इसके माता पिता ने इसकी शादी कर दी अभी नया नया शादी हुआ था शादी के अभी छे महीने ही हुए थे ! संजय अपनी पत्नी नंदनी से बहुत प्यार करते थे ! लेकिन गरीबी के कारण उसका प्यार फीका पड़ने लगा था !

पेट की भूख मिटाने के लिए बीबी और घर की जरूरत पूरा करने के लिए गांव में ही जी तोड़ मेहनत करता था लेकिन फिर भी बीबी और घर की जरूरत पूरा नहीं होती थी और नहीं ठीक तरह से पेट की भूख मिट रही थी ! यही सोच सोच कर संजय बहुत दुखी रहता था  ! और पत्नी से प्यार तो करता था लेकिन जता पाना उसके लिए बहुत मुश्किल होती जारही थी !

मजबूरी में लोगों को किसी को छोड़कर जाना होता है 

अपनी गरीबी से मजबूर होकर संजय एक दिन संजय परदेस जाने की फैसला किया ! संजय ये बात अपने माता पिता और अपनी बीबी से कहा  ! संजय की बात सुन कर इसके माता पिता और खा कर बीबी बहुत दुखी हुए लेकिन अपने गरीबी के मजबूरी के कारण उन्हें हां कहना पीड़ा

फिर संजय परदेश जाने लगता है ये देख कर बीबी रोने लगती है ! बीबी को रोता देख संजय अपने बीबी को समझते हुए कहता है कि रोइए मत हम बहुत जल्द ही लौट कर आएंगे ! फिर भी बीबी रोते हुए संजय को बीदा करती है ! इधर संजय को भी जाने का मन नहीं है लेकिन गरीबी की मजबूरी की वजह से अपने मां बाप और बीबी को छोड़कर जाना पड़ा !

पत्नी से पति दूर होने के बाद पत्नी का हाल

उधर संजय परदेश में प्राईभेट नौकरीकर कर रहा था इधर पत्नी गांव में अपनी पति की याद में रोज बिस्तर पर रो रो कर आंख लाल कर रही थी । इसी तरह करते करते छे महीने बीत गए थे पत्नी बार बार अपने पति को गांव बुला रही थी लेकिन संजय को कंपनी से छुटी नहीं मिल रही थी इसलिए ये बेचारा अपने गांव नहीं आपाता था इधर पत्नी का रो रो कर बुरा हाल होगया था ।

पत्नी नीलम कभी बिस्तर पर संजय की याद में पूरी रात जग कर बीता देती थी को कभी पूरा दी रह देखते हुए । फिर एक दिन संजयकी फोन आती है क्यों पांच दिन बाद घर आरहे है अब तो पत्नी की बेचैनी और भी बढ़ जाती है । अब तो इंतजार में ओ पांच दिन लग रहा था कि पांच वर्ष की तरह है ।

फिर रह देखते और इंतजार करते आखिर ओ पांच दिन बीत गया और संजय अपने गांव वापस आही गया। पत्नी अपने पति के गले लिपट कर फुट फुट कर रोने लगती है और कहने लगती है कि अब हमें छोड़ कर आप को कही नहीं जाना है मैं आपको अब कही नहीं बीदा करूंगी । अब संजय भी अपने पत्नी की ऐसी दशा देख तर अब गांव पर ही खेती बारी का काम करने लगता है ।

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