बंदर का नाच : बंदर भी सर्कस से कम नहीं

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बंदर का नाच : बंदर भी सर्कस से कम नहीं

रोज की तरह हम अपने दोस्तो के साथ पढ़ने के लिए  स्कूल गए और रोज रोज पढ़ने की वजह से मेरा मन बोर होगया था । क्लास में टीचर पढ़ा तो रहे थे लेकिन मुझे थोड़ा भी मन नही लाग रहा था और बैठे बैठे मुझे नींद आगई । नींद खुली तो छुटी की घंटी बज रही थी । मैं भी बसता लेकर घर आ रहा था ।
तभी रस्ते में बहुत सारे बचे दौड़े दौड़े जा रहे थे । तब मैने पूछा कि भाई क्यू दौड़े  दौड़े भाग रहे हो कोई काटने वाला कुता पीछे आ रहा हैं क्या तभी कुछ लड़का चिलते हुए बोला । अगले वाले मुहल्ले में बंदर वाला आया है बंदर का नाच देखने के लिए आया है । ये सुनकर मैं भी उन सभी के साथ पीछे पीछे दौड़ गया ।

बंदर देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी थी

जब मैं वहां पहुंचा तो देखा कि बहुत सारे लोग वह भीड़ लगाए हुए है । शायद तमसा कुछ देर पहले चालू हो गया था । मैं बहुत छोटा था इसलिए लोगों की भीड़ में भीबपना जगह बनाते हुए सबसे आगे  पहुंच गया था । बंदर वाला एक हाथ में छड़ी। लिए और दूसरे हाथ में बंदर को बंधा हुआ राशि को पकड़ा था ।
वो बंदर से बोलता बहु घर में आटा कैसे सनती है तो बंदर सन के दिखता था । फिर बोलता की बहु बचे को कैसे खेलती है तो बंदर हाथ हिलाकर देखता था । सभी लोग देख कर मजा ले रहे थे । और टली बजा रहे थे मैं भी मजल रहता था । फिर वो बंदर से हर तरह का डांस करने को बोला  , बंदर बारी बारी से हर तरह का देहाती हो या ब्रेक डांस सभी तरह का डांस लिखाया । बंदर का डांस देख कर तो और भी मजा आगया।

जीवन के कभी कभी मनोरंजन भी जरूरी है

सभी लोगों के साथ मुझे भी बहुत मजा आया था क्यों कि पढ़ाई करते करते मै बहुत बार हो गया था । कुछ देर बाद केला खत्म हुआ । सभी लोग कुछ न कुछ उस बंदर वाले को देकर अपने अपने घर चले गए । मैं भी अपने घर हंसते खेलते घर चला आया । घर आकर अपनी मां से बंदर की सारी करतूतें बताया तो मा जोर जोर से हसने लगी में भी बहुत खुश था क्यों कि बढ़ाई करते करते मै बोर हो गया था । अगले दिन मैं स्कूल गया क्यों कि अब पढ़ने में मेरा मन लगने लगा था और मैं क्लास में। अगले वाला सीट पर बैठ कर टीचर जो भी बताया करते थे वो मैं सभ याद कर लिया करता b

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