
बिस्वास घात : दोस्त का साथ रहना बहुत अच्छा लगता है
एक गांव के रहने वाले सुरेश और शनि , इन दोनों में काफी गहरी दोस्ती थी । इन दोनों की दोस्ती के चर्चे पूरे इलाके में मशहूर था । सुरेश और शनि दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे । सिर्फ रात को ही सोने के समय अपने अपने घर जया करते थे ।

दोनों एक दूसरे के ऊपर बहुत बिस्वास किया करते थे ।ये अपनी अपनी मन की बात एक दूसरे को जरूर बताते थे और अपने मन में कभी कोई बात नहीं छिपा रहे थे । अगर कोई काम करना हो तो साथ में ही करते थे और कही जाना भी हो तो साथ में ही जाया करते थे ।
जिगरी दोस्त एक दूसरे के बिना नहीं रह सकता ।
दोनों नौकरी की तैयारी भी कर रहे थे फार्म भरते थे और रैलियां में भी जाते थे । एक बार की बात है कि शनि को आर्मी की बहाली में सलेक्ट हो चुका था बस मेडिकल चेकप बाकी था । शनि अपने दोस्त सुरेश से ये बात बताई तो सुरेश भी उस समय बहुत खुश हुआ ।
मेडिकल होने में अभी कुछ दिन बाकी था तभी एक दिन सुरेश के मन में एक बात आई । सुरेश रात को जब अपने घर सो रहा था तो सोचने लगा कि हम बहुत प्रया किए लेकिन हमारी नौकरी की कही भी बात नहीं बनी । अगर शनि की नौकरी लग जाएगी तो शनि हमसे आगे हो जाएगा ।
बिस्वासी दोस्त घात करे तो बहुत तकलीफ होती है ।
सुरेश सोचने लगा कि क्यों न कुछ ऐसा करे कि शनि का काम बिगड़ जाए । यही बात उसके दिमाग में चल रही थी । फिर कुछ दिन बाद शनि का मेडिकल चेकअप की डेट आ गई । शनि बहुत खुश था क्योंकि वो गांव पर ही चेकअप करवाया था तो उसमें कोई कमी नहीं थी इसलिए इसे बिस्वास था कि हम मेडिकल में भी पास हो जाएंगे
सुरेश ये बात सुनकर बहुत दुखी हुआ और जाने के दिन ही सुबह इसके खाने में जमाल घोटा मिला दिया । शनि की तबियत बहुत खराब हो गई और वो नहीं जा पाया । बाद में शनि हॉस्पिटल में इलाज के लिए गया तो जमालघोटा खाने का पता चला । शनि ये बात सुन कर बहुत चकित हुआ क्यों कि खाना तो सुरेश के साथ ही खाया था । शनि इस सच्चाई को जानकार सुरेश से दोस्ती तोड़ दी।
इस कहानी के पत्र और घटना काल्पनिक है
लेखक – रविकांत मोहि