
मां बाप का प्यार : मा बाप बच्चों की हर नखड़ा उठाया करते है ।
मीनू और राजा ये दोनों भाई बहन है । इसके पिता जी गांव में ही सब्जी का दुकान लगाया करते थे और मा घर का काम संभालती थी । वैसे मीनू के पिता कोई अमीर आदमी नहीं थे लेकिन अपने परिवार और दोनों औलाद की हर खुशी का ख्याल रखते थे ।

बचपन में पिता जी हम दोनों भाई बहन को अपने कंधे पर बैठा कर घुमाया करते थे और साथ में खेलते भी थे । साम को दुकान से जब भी आते थे तो हम लोगों के लिए बाजार से कुछ ना कुछ जरूर लेकर आते थे और प्यार से बेटा बेटा कह कर अपने हाथों से हमलोगों को खिलते थे ।
मां बाप को अपने बचे की चिंता हमेशा रहती है
मम्मी पापा दोनों हमलोगों को बहुत प्यार करते थे । अगर हम लोग शरारत करते थे तो मा बहुत डांटती थी लेकिन बाद में प्यार से बहुत दुलारती थी । रोज सुबह टाइम से हमालोगो को तैयार करके स्कूल लजाती थी और छुटी के टाइम में लेकर आती थी ।
धीरे धीरे समय बीतता गया और हम लोग बड़े हुए । पापा को अब मेरी शादी की चिंता सताने लगी । फिर एक अच्छा सा लड़का देख कर हमारी शादी भी कर दी । पापा हमारी शादी में अपने हैसियत से बढ़ कर दिए थे । वो अपने तरफ से किसी भी चीज की कमी नहीं किए ।
दूसरे का प्यार और मा बाप के प्यार में अंतर होता है ।
जब हमारी बिदाई हो रही थी तब मम्मी पापा बहुत रोए और हमारा तो रोते रोते गला बैठ गया था । फिर जब मैं ससुराल गई तो वहां पर सास ससुर ननद और एक देवर भी थे । मेरे पति परदेस में नौकरी करते थे इसलिए अगले महीने वो अपने नौकरी में चले गए । मेरी सास ससुर कहने को मा बाप के जैसा होते है लेकिन वो कभी मा बाप का प्यार नहीं देते थे ।
मेरी सास बात बात पर मुझे ताना मारती और डांटती रहती थी । अगर मार्केट से खाने के लिए कुछ मांगते थे तो कोई ना कोई बहाना कर देती थी । यही सभ देख कर रोज रात को अपने मम्मी पापा को याद कर के रोया करती थी और यही सोचती रहती थी कि कोई कितना भी अपना मिल जाए लेकिन मा बाप का प्यार कभी नहीं मिल सकता ।