प्यार की जुदाई : बचपन की प्यार दिल में एक जगह बना लेती है ।

0
18

 

प्यार की जुदाई : बचपन की प्यार दिल में एक जगह बना लेती है ।

किसी ने सच ही कहा है कि प्यार का पहला अक्छर ही अधूरा है इसलिए किसी का प्यार कैसे पूरा हो सकता है । ठीक उसी तरह अमन नाम का एक लड़का था जो कि अनु नाम की एक लड़की से बहुत ज्यादा मोहब्बत करता था । अनु भी इससे उतना ही मोहब्बत करती थी । कोई किसी से कम नहीं था ।

दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे । दोनों का एडमिशन एक ही कॉलेज में हुआ था और दोनों एक ही मुहल्ले के रहने वाले थे । शायद इसीलिए दोनों का आपस में लगाव बहुत ही ज्यादा था । सुबह नींद से जागते ही दोनों एक दूसरे को देखे बिना नहीं रह सकते थे ।

प्यार आखिर ज्यादा दिन तक नहीं छुप सकता ।

इसके मा बाप को जब तक मालूम नहीं था तो तब तक तो ठीक था । लेकिन बात वहा पर जाके फंस गई जब अमन एक दिन अनु को मिलने के लिए उसके घर के पीछे बुलाया था । समय करीबन साम को साढ़े सात बज रहा था । अनु ठीक समय पर वह पर आ गई थी ।

दोनों एक दूसरे के बाहों में लिपट कर आपस में बात कर रहे थे तभी अनु के पिता जी वहां पर आ गए । फिर अनु के पिता इन दोनों को इस तरह से एक दूसरे के बाहों में देख कर बहुत ज्यादा गुस्सा हुए । अमन इन्हें बहुत समझाने की कोशिश किया कि हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते है ।

घर का बंधन ही प्यार को जुदा कर देती है ।

अमन को लाख समझाने पर भी अनु के पिता गुस्से से आंख लाल कर के दोनों को मारने लगे । फिर थोड़ी देर बाद अमन वहां से चला गया । लेकिन अनु के पिता अनु को घर ले जाकर बहुत मार मारे और घर में बंद कर दिए और गुस्से से आंख लाल कर के बोले कि आज के बाद घर से निकल गई तो जान से मार दूंगा ।

अनु के घर से निकलना बंद हो गया और मोबाइल भी इसके पिता इससे छीन लिए थे । अमन और अनु बार बार मिलने की कोशिश किए लेकिन नहीं मिल पाए । फिर कुछ दिन बाद अनु के पिता जल्दी से एक लड़का देख कर अनु की शादी करा दी । दोनों को न चाहते हुए भी जुदाई सहना पड़ा ।

यह पात्र और कहानी सभी काल्पनिक है ।

लेखक – रविकांत मोहि

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here