घूंघट में चांद : दुल्हन लाल साड़ी पहन कर जब चेहरे पर घूंघट लिए जब ससुराल जाती है ।

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नई नवेली दुल्हन लाल साड़ी पहनी हुई डोली में बैठी हो और चेहरे को लाल साड़ी की घूंघट से ढकी हुई हो । उस दुल्हन की डोली जिधर से भी गुजरती है । लोग उसकी एक झलक देखने के लिए बेचैन सा रहते हैं । लोगों की तमन्ना रहती है कि कास एक बार उसका चेहरा दिखाई देता तो मन को सुकून मिलती ।

पहले के समय में जब किसी लड़की की सादी हुआ करती थी । तो उस समय आज के समय जैसा मोटर गाड़ी नहीं हुआ करता थी । उस समय शादी में लोग बैल गाड़ी से ही बरात करने जाया करते थे । उस समय शादी कर के दुल्हन डोली में बैठ कर अपने मायके से ससुराल तक आया करती थी ।

पहले के कहार दुल्हन के मायके से ससुराल तक ढो कर ले जाया करते थे ।

ठीक उसी प्रकार एक नई नवेली दुल्हन लाल साड़ी पहनी हुई डोली में बैठी थी । कहार उस डोली को अपने कंधे पर उठाकर दुल्हन के मायके से उसके ससुराल के लिए लेकर जा रहे थे । कहार अपने कंधे पर उस डोली को ढोते ढोते काफी थक गए थे । उन सभ को बहुत जोरो से प्यास भी लग गई थी ।

फिर उन लोगों ने आपस में सलाह कर के उस डोली को अपने कंधे से नीचे उतार कर एक साफ सुथरा जगह देख कर रख दिया । क्यों कि नंदी भी पास में ही थी । इसलिए वो सभी कहार नदी से पानी पीने के लिए चले गए । वो सभ काफी थके हुए थे इसलिए पानी पीकर वही पर थोड़ा आराम करने लगे ।

घूंघट के पीछे चेहरे का दीदार करना सभी चाहते हैं ।

कुछ देर बाद दुल्हन भी अपनी हाथ पैर सीधा करने के लिए डोली से बाहर निकली । चेहरे पर घूंघट ली हुई थी । तभी उस रास्ते से एक लड़का जा रहा था और उस दुल्हन को देख कर वह रुक गया । सोचा कि अकेली दुल्हन चेहरे पर घूंघट लिए डोली से बाहर टहल रही है । तो आखिर क्या बात है ।

वो लड़का कुछ दूर पर खड़ा होकर उस दुल्हन का चेहरा देखने के लिए बार बार अपनी नजर इसके तरफ घुमा रहा था । तभी कुछ देर बाद दुल्हन हवा खाने के लिए अपना हल्का सा घूंघट हटाया तो लड़का उसके चेहरे को देख कर दंग रह गया । मन ही मन सोचने लगा कि ये तो घूंघट के अंदर चंद छुपा है । क्यों ही दुल्हन काफी सुंदर थी ।

 

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