कर भला तो हो भला : भले लोगों को भलाई जरूर होता है

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चंद पुर नाम का एक गांव था  । जहां पर हरि नाम का एक किसान रहा करता था । हरि बहुत नेक विचार का व्यक्ति था । उसके मन में हमेशा दया धर्म और लोगो के भलाई की भावना रहती थी । वो सबसे मिल जुल कर रहते थे । हरि हमेशा अपने आस पास के लोगों के हर सुख दुख में शामिल रहा करते थे।

इसी वजह से लोग उसके ब्यौहार का हमेशा तारीफ किया करते थे । हरि खेती बारी का काम किया करता था । वो अपने खेत में अनाज और सब्जी उगा कर बेचता था । ये इसी से अपने परिवार का भरण पोषण करते हुए असहाय , भूखे और जरूरत मंद लोगों की भलाई भी किया करता था ।

जो जैसा रहता है वो अपने बच्चे को भी वही सिखाता हैं ।

हरि के दो लड़के और एक लड़की थी । जो कि गांव के ही एक स्कूल में पढ़ाई किया करते थे । वो अपने लड़को को भी यही सिखाता था । कि बेटा इंसान को हमेशा एक दूसरे के सुख दुख में शामिल रहना चाहिए और अपने पास जो भी हो उसी में गरीब जरूरत मंद लोगों की भलाई भी करनी चाहिए ।

हरि के इस बात को उसके बच्चे तो समझते थे । लेकिन हरि की बीबी अपने पति की इस आदत से हमेशा परेशान रहती थी । क्यों कि हरि अपने खेत की अनाज और सब्जी में ज्यादा तर लोगों में बाट दिया करता था । इसी वजह से वो अपने घर का विकास नहीं कर पाता था ।

जो दूसरे के काम आता है लोग उसके काम भी जरूर आते है ।

एक बार हरि के लड़के की तबियत बहुत ज्यादा खराब हो गई । जिस वजह से हरि बहुत परेशान था और इलाज करवाने में बहुत सारे पैसे खर्च हो चुके थे । लेकिन फिर भी उसके लड़के की तबियत में कोई सुधार नहीं हो रही थी । डॉक्टर उसे विदेश में ले जाकर इलाज कराने के लिए कहा ।

हरि बहुत परेशान था क्यों कि विदेश ले जाने के लिए बहुत ज्यादा पैसों की जरूरत थी । जो कि हरि के पास नहीं थे । मगर लोगों को जब उसकी परेशानी के बारे में मालूम हुआ तो सारे लोग इसके मदत करने लगे । लोगों के मदत से ही उसके लड़के का विदेश में इलाज हो गया और पूरी तरह ठीक हो गया । उसके बीबी को ये बात समझ में आ गई कि कर भला तो हो भला ।

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