शिव चर्चा : भगवान शिव को अपना गुरु मान कर उनका चर्चा कराने से क्या होता है ?

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यह एक हिंदी भक्ति कहानी है जिसमें की , एक गांव में सुखदेव नाम का एक बहुत ही गरीब मजदूर रहता था । जो कि किसी तरह से इधर उधर मजदूरी कर के अपने परिवार के साथ गुजारा करता था । उसके तीन लड़का और एक लड़की थी । मगर सुखदेव के तीनों लड़के शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग थे ।

इस वजह से सुख देव हमेशा दुखी रहा करता था । क्यों कि लड़की भी शादी के लायक हो गई थी और उसे मदत भी करने वाला कोई नहीं था । सुखदेव की गरीबी और परेशानी को देख कर एक दिन उसकी बीबी सुनैना बोली की क्यों ना हम भी दूसरे के घर झाड़ू पोछा करे ताकि कुछ तो मदत होगा , इस पर सुख देव भी राजी हो गया ।

शिव चर्चा सुनकर सुनैना के मन में कैसी भावना जागी ?

सुनैना अपने गांव के कई घर में जा कर झाड़ू पोछा का काम करने लगी । एक दिन जब सुनैना दूसरे के घर से काम कर के आ रही थी तो रास्ते में ही उसे एक घर में शिव चर्चा होने की आवाज सुनाई दिया । आवाज सुन कर सुनैना वहां चली गई और वहा बैठ कर ध्यान से सुनने लगी ।

शिव चर्चा में सभी गुरु भाई एवं गुरु बहन बारी बारी से भगवान शिव के बारे बता रहे थे और भजन के भाव में सुना रहे थे । वहा उपस्थित सभी लोग शिव को अपना गुरु मान कर भगवान शिव का शिष्य थे । उन्हीं शिष्यों में से किसी ने कहा कि जो शिव को गुरु मान कर शिव चर्चा करवाता है उसकी सारे मनोकामना पूर्ण होती है ।

शिव चर्चा कराने वाले भक्त कभी दुखी नहीं रहते ।

सुनैना भी ठान ली कि हम भी अपने घर शिव चर्चा करवाएंगे । वो अपने घर आकर साम को अपने पति सुखदेव से ये बात कही की हम भी शिव गुरु का चर्चा करवाएंगे । सुखदेव भी अपनी पत्नी की बात मान लिया और अगले दिन इधर उधर से पैसा जुटा कर श्रद्धा भाव से अपने घर शिव चर्चा करवाया ।

कहा गया है कि भगवान शिव अपने शिष्य , अपने भक्त को दुखी नहीं देख सकते । ठीक उसी प्रकार सुखदेव को भी शिव चर्चा करवाने के कुछ दिन बाद ही उसकी सारे दुख तकलीफ दूर होने लगे । उसके तीनों लड़के ठीक हो गए और सुखदेव को सरकारी नौकरी मिल गई । सुखदेव अब अच्छा खासा पैसा कमाने लगा और पानी बेटी की शादी भी अच्छे घर में कर दिया ।

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