एक गांव में दो दीवाने रहते थे, जो एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। लड़का का नाम मनजीत था और लड़की का नाम सुरभि, उन दोनों का घर एक ही मुहल्ले में था और इन दोनों में इतना गहरा प्यार था कि गांव मोहल्ले के सभी लोग इस प्यार को अमर प्रेम Eternal Love के नाम से संबोधित करते थे।
ये दोनों में बचपन से ही दोस्ती थी, फिर बड़े होकर ये दोस्ती प्यार में बदल गई और प्यार में एक दूसरे के लिए जीने मरने को भी तैयार रहते थे। वो दोनों प्रेमी सबसे छुप छुप कर हर रोज कही ना कही मिला करते और एक दूसरे के बाहों में भर कर अपने दिल की प्यार भरी बाते करते थे।

दो प्यार करने वाले के बीच कोई ना कोई काटा बनकर जरूर चुभता है।

एक दिन नदी के पास एक बगीचे में ये दोनों मिलने का प्लान बनाए इसलिए मनजीत पहले पहुंच गया था और सुरभि अभी रास्ते में ही थी। तभी उसी रास्ते से प्रताप नाम का एक बहुत बड़ा जमींदार भी अपनी गाड़ी में बैठ कर जा रहा था और तभी उसकी नजर सुरभि पर पड़ी।
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जमींदार सुरभि की सुंदरता को देख कर उसपे दीवाना हो गया और घर जाकर उसके पिता जी से सुरभि के साथ अपनी शादी के लिए बात किया। सुरभि के पिता अपनी लड़की की इतने बड़े जमींदार के साथ शादी होने की बात सुन कर खुशी खुशी प्रताप के बात को मान लिए ।
सच्चे प्रेमी अपने प्यार के लिए जान दे कर भी अपने प्रेम का इस दुनिया में इतिहास बना देते हैं।
सुरभि घर आते ही अपनी शादी की बात जमींदार के साथ सुन कर रोने लगी और शादी से इनकार कर दी। क्यों कि सुरभि मनजीत से प्यार करती थी और वो उसी के साथ ही शादी करना चाहती थी। भले ही सुरभि मर कर अपना अमर प्रेम Eternal Love बना देगी , लेकिन जमींदार के साथ शादी नहीं करेगी।
फिर अंत में ऐसा ही हुआ, जब घरवाले जबरजस्ती जमींदार के साथ शादी करवाने लगे, तो सुरभि ने छत से कूद कर अपनी जान दे दी और सुरभि को मरते ही मनजीत ने भी अपनी जान दे दी। दोनों के मारने के बाद उसके घरवाले पछताने लगे, लेकिन पछताने से क्या होगा, दोनों मर कर अपना प्रेम अमर कर दिए।